यूपी: 610 न्यायिक अधिकारियों की भर्ती जून 2019 तक पूरी करने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को 610 न्यायिक अधिकारियों की भर्ती प्रकिया जून 2019 तक पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जून 2019 में नियुक्ति जारी की जाए ताकि उसके बाद...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को 610 न्यायिक अधिकारियों की भर्ती प्रकिया जून 2019 तक पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जून 2019 में नियुक्ति जारी की जाए ताकि उसके बाद वाले जुलाई माह से सभी नवनियुक्त न्यायिक अधिकारी कार्य करना शुरू कर दें। कोर्ट ने आयोग के सचिव को भर्ती प्रक्रिया की समय सारिणी हलफनामे के जरिए अगली सुनवाई पर दाखिल करने को कहा है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले, न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पूर्ण पीठ ने सूबे में अदालत भवनों व न्यायिक अधिकारियों की भारी कमी को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। पूर्ण पीठ के समक्ष शासन के मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 610 न्यायिक अधिकारियों की भर्ती की जा रही है। 371 कोर्ट रूम का निर्माण किया जा रहा है जो जून 2019 तक तैयार हो जाएंगे। शेष 646 कोर्ट रूम बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। जून 2020 तक बजट मिलने पर आगे निर्माण कराया जा सकेगा।
कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जज होंगे और कोर्ट रूम नहीं होंगे तो क्या सरकार बिना काम लिए जजों को तनख्वाह देगी। अपर महाधिवक्ता का कहना था कि कोर्ट रूम के निर्माण आदि के खर्च केन्द्र व राज्य सरकार संयुक्त रूप से वहन करती हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या जनता को न्याय दिलाने के लिए न्याय व्यवस्था करना राज्य का दायित्व नहीं है। कोर्ट ने कहा अभी तक 1181 नए कोर्ट रूम की जरूरत है। 371 बनने के बाद 810 कोर्ट बनाना शेष रहेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि किराए पर कोर्ट रूम व आवास की व्यवस्था की जाए और स्टॉफ दिया जाए ताकि जुलाई 2019 से 3300 न्यायिक अधिकारी न्यायिक कार्य कर सकें। पूर्ण पीठ ने सरकार से इस संबंध में ठोस प्रस्ताव मांगा है। कोर्ट के निर्देश पर आयोग के सचिव, प्रमुख सचिव न्याय व प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग व महाबिन्धक सुनवाई के दौरान उपस्थित थे।