लखनऊ के लोहिया संस्थान में उपलब्ध होंगी 4 हजार तरह की दवाएं, मरीजों को बड़ी राहत
लोहिया संस्थान में मरीजों को सस्ती दवाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मरीजों को पूरी दवाएं मिलेंगी। इसके लिए संस्थान प्रशासन ने अपनी आरसी (रेट कान्ट्रेक्ट) तैयार कर ली है।
लखनऊ के लोहिया संस्थान में मरीजों को सस्ती दवाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मरीजों को पूरी दवाएं मिलेंगी। इसके लिए संस्थान प्रशासन ने अपनी आरसी (रेट कान्ट्रेक्ट) तैयार कर ली है। दवाओं की खरीद की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। अधिकारियों ने एक से दो माह में मरीजों को सस्ती दवाएं आराम से मिल सकेंगी। अभी 3000 तरह की दवाएं मिल रही हैं, अप्रैल से 498 तरह की और दवाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी।
लोहिया में करीब एक हजार बेड हैं। ज्यादातर बेड हमेशा भरे रहते हैं। ओपीडी में लगभग 3000 से अधिक मरीज आ रहे हैं। संस्थान में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के माध्यम से मरीजों को 30 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवा व सर्जिकल सामान की बिक्री की जा रही है। 10 से ज्यादा एचआरएफ के काउंटर हैं। इनमें ओपीडी व भर्ती मरीजों को दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। अभी तक संस्थान प्रशासन पीजीआई की आरसी से दवाएं खरीद रहा था। कई कंपनियों ने दवा देने से मना कर दिया था। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। लंबी जद्दोजदह के बाद संस्थान प्रशासन ने अपनी आरसी तैयार कर ली है।
संस्थान की आरसी में लगभग 3500 प्रकार की दवाओं का प्रावधान है लेकिन अभी 3000 तरह की ही मिल रहीं हैं। लोहिया में एचआरएफ के प्रभारी डॉ. एके सिंह का कहना है कि पीजीआई की आरसी काफी पुरानी है। कंपनियों ने पुरानी कीमतों पर दवाओं की आपूर्ति करने से मनाकर दिया था। किसी तरह मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई जा रही थीं। मरीजों को परेशानी से बचाने के लिए 498 प्रकार की जरूरी दवाओं का टेंडर जारी किया गया है। जो कंपनियां पीजीआई व केजीएमयू की दर पर दवा देने के लिए राजी होंगी उन्हें मौका दिया जाएगा।