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23 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल 27 निजी आईटीआई ब्लैक लिस्ट में

मथुरा में हुए 23 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल प्रदेश के 27 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को काली सूची में डाल दिया गया है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दए गए हैं।...

23 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल 27 निजी आईटीआई ब्लैक लिस्ट में
संतोष वाल्मीकि, लखनऊTue, 29 Dec 2020 07:44 AM
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मथुरा में हुए 23 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल प्रदेश के 27 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को काली सूची में डाल दिया गया है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दए गए हैं। घोटाले में 25 अन्य निजी आईटीआई की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ है। उन्हें भी ब्लैकलिस्ट कर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा और इन संस्थानों से घोटाले की रकम की वसूली की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में बेहद कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने छात्रवृत्ति घोटाले में निलम्बित मथुरा के जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी व तीन अन्य विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। इस सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से भी घोटाले की रकम वसूली जाएगी। इस मामले में  कुछ अन्य निजी आईटीआई संस्थाओं की भी जांच की जा रही है। बीते शनिवार समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी ने मथुरा के जिला समाज कल्याण अधिकारी करुणेश त्रिपाठी, उनके कार्यालय में तैनात कनिष्ठ सहायक योगेश कुमार, नवीन मेहरोत्रा और सहायक विकास अधिकारी राहुल कुमार को निलम्बित कर दिया था।  

कैसे हुआ था घोटाला
निजी आईटीआई संस्थाओं ने फर्जी अभिलेखों से छात्र-छात्राओं का ब्योरा तैयार किया। अपने पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या कई गुना बढ़ाकर दिखाई, परीक्षा फार्म भी फर्जी ब्योरे से भरवाए और परीक्षा भी दिलवा दी गयी।

अफसरों की मिली भगत
राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद आगरा मण्डल के संयुक्त निदेशक की मिलीभगत से बगैर मान्यता प्राप्त 11 निजी आईटीआई के छात्र-छात्राओं को परीक्षा दिलवा दी गयी और सरकारी छात्रवृत्ति और फीस प्रतिपूर्ति का लाभ भी दिलाया गया। इस बारे में विस्तृत जांच के लिए विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा एस.चौहान को अलग से आदेश जारी किये गये हैं।

5000 छात्रों का भविष्य अधर में
एक आईटीआई में न्यूनतम 80 बच्चे होते हैं। यदि मान्यता निरस्तीकरण की कार्रवाई की गई तो इससे इन संस्थानों में पढ़ने वाले पांच हजार से ज्यादा छात्र प्रभावित होंगे।

जांच के दायरे में आईं निजी आईटीआई संस्थाओं को पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया। जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर उन्हें कालीसूची में डालकर एफआईआर की कार्रवाई की जा रही है। - बालकृष्ण त्रिपाठी, निदेशक समाज कल्याण उत्तर प्रदेश

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