ग्रामीणों को लेकर यूपी सरकार का बड़ा कदम, आजीविका के साथ काम भी मिलेगा, ये लोग करेंगे मदद
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से गरीब ग्रामीण परिवारों को जोड़ने के लिए यूपी में ग्राम संगठन दलों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया है। 2300 नये ग्राम संगठन दल गठित किए जाएंगे।

यूपी के ग्रामीण परिवारों के लिए यूपी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार अब ऐसे लोगों को आजीविका के साथ-साथ काम भी दिलाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से गरीब ग्रामीण परिवारों को जोड़ने के लिए यूपी में ग्राम संगठन दलों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया है। 2300 नये ग्राम संगठन दल गठित किए जाएंगे। ये संगठन ग्रामीणों को आजीविका से जोड़ने में मदद करेंगे। ग्रामीणों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ते हुए उन्हें स्वरोजगार से जुड़ने में माध्यम का काम करेंगे।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को ग्राम संगठन दलों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। ग्राम संगठन का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों का मनोबल बढ़ाते हुए उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाते हुए सरकार की गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग करना है। शासन स्तर से संगठनों की संख्या बढ़ाते हुए ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जिम्मेदारी ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी को दी गई है। आयुक्त हर मंगलवार को इसकी समीक्षा करेंगे।
1700 संगठन हैं जिन्हें 4000 किया जाना है
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक ने जिलों के उपायुक्त स्वत: रोजगार को निर्देश दिए हैं कि ग्राम संगठन दलों की संख्या बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा करें। वर्तमान में संगठनों की संख्या 1700 है जिसे इस वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर 4000 करने का लक्ष्य दिया है। मिशन निदेशक ने प्रत्येक विकास खंड को कम से कम पांच और अधिकतम दस ग्राम संगठन का चयन कर मिशन मुख्यालय को अवगत कराने को कहा है।
लोगों को समूहों से जोड़ने के साथ ही वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी
गौरतलब है कि गांवों में स्वयं सहायता समूहों के बाद ग्राम संगठन द्वितीय स्तर की संस्था है। ग्राम संगठन द्वारा समूहों को अपनी बात, समस्या, मांगे, सुझाव रखने के लिए मंच प्रदान किया जाता है। एक गांव में एक से अधिक भी ग्राम संगठन हो सकते हैं। ग्राम संगठन की मुख्य जिम्मेदारी है कि गांव के गरीब परिवारों को समूह के साथ जोड़ना, आजीविका के लिए उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना, समूहों को बैंक से लिंकेज में सहायता करना, समूह के सदस्यों को उनके हक और अधिकार की जानकारी देना है।
दो साल होता है संगठन पदाधिकारियों का कार्यकाल
ग्राम संगठन की कार्यकारिणी समिति अपने पदाधिकारियों का चयन करती है। पदाधिकारियों का कार्यकाल दो वर्ष के लिए होता है। इसमें नियमित अंतराल पर बदलाव किया जाता है। पदाधिकारियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, उपसचिव, कोषाध्यक्ष का चयन होता है।
