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फ्रॉस्ट का फ्रॉड : नौ बैंकों के 16 शीर्ष अफसर जांच के घेरे में

फ्रास्ट इंटरनेशनल में 3600 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का मामला कोई पहला नहीं है। इससे पहले विजय माल्या, नीरव मोदी और विक्रम कोठारी के मामले भी सामने आ चुके हैं। सीबीआई ने जो केस दर्ज किया है, उसमें...

फ्रॉस्ट का फ्रॉड : नौ बैंकों के 16 शीर्ष अफसर जांच के घेरे में
प्रमुख संवाददाता,कानपुरThu, 23 Jan 2020 02:10 AM
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फ्रास्ट इंटरनेशनल में 3600 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी का मामला कोई पहला नहीं है। इससे पहले विजय माल्या, नीरव मोदी और विक्रम कोठारी के मामले भी सामने आ चुके हैं। सीबीआई ने जो केस दर्ज किया है, उसमें अज्ञात बैंक अफसरों को भी शामिल किया है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में नौ बैंकों के 16 शीर्ष अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। इनमें से कुछ बैंक में निदेशक पद पर भी काबिज रहे हैं। 


हजारों करोड़ रुपए के लोन जारी करने की ताकत किसी बैंक अधिकारी में नहीं है। चीफ मैनेजर की पॉवर अधिकतम एक करोड़ की है। चीफ जनरल मैनेजर भी पांच करोड़ से ज्यादा के लोन की फाइल पास नहीं कर सकता। यहां तक कि किसी भी बैंक का प्रबंध निदेशक और चेयरमैन भी 3500 करोड़ का लोन नहीं दे सकता। इतने लंबे मामलों में बैंकों के निदेशकों की भूमिका की जांच सीबीआई कर रही है। 

आखिर कैसे हो जाते हैं इतने बड़े एनपीए
1. बिना किसी गारंटी के बिना बैंक के साफ्टवेयर में एंट्री किए लेटर ऑफ अन्डरटेकिंग (एलओयू) जारी होते गए और इन आठ सालों में  यह बात चौदह बैंकों के किसी भी अधिकारी या आरबीआई की जानकारी में नहीं आई?
2. हर साल बैंकों में होने वाले ऑडिट और उसके बाद जारी होने वाली ऑडिट रिपोर्ट इस फर्जीवाड़े को क्यों नहीं पकड़ पाई?
3. क्यों इतने बड़े बैंक के किसी भी छोटे या बड़े अधिकारी ने इस बात पर गौर नहीं किया कि हर साल बैंक से एलओयू के जरिये इतनी बड़ी रकम जा तो रही है लेकिन आ नहीं रही है?
4. बात एक या दो एलओयू की नहीं बल्कि करीब 30 एलओयू जारी होने की है। इससे भी अधिक रोचक तथ्य यह है कि एक एलओयू 90- 180 दिनों में एक्सपायर हो जाता है। अगर कोई कर्ज दो साल से अधिक समय में नहीं चुकाया जाता तो बैंक के ऑडिटर्स को उसकी जानकारी दे दी जाती है तो फिर इस केस में ऐसा क्यों नहीं हुआ?
5. एक बैंक का चीफ विजिलेंस अधिकारी बैंक की रिपोर्ट बैंक के मैनेजर को नहीं बल्कि भारत के चीफ विजिलेंस कमीशन को देता है लेकिन इस मामले में किसी भी विजिलेंस अधिकारी को आठ साल तक कोई गड़बड़ दिखाई क्यों नहीं दी?
6. इसके अलावा हर बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की टीम में एक आरबीआई का अधिकारी भी शामिल होता है लेकिन उन्हें भी इतने साल इस घोटाले की भनक नहीं लगी?

 

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