2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले में भाजपा विधायक समेत 12 लोग अदालत से बरी
मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों के मामले में शाहनवाज, सचिन और गौरव की 27 अगस्त 2013 को हुई हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव के बीच मिनी ट्रक में आगजनी के मामले में विधायक विक्रम सैनी समेत सभी 12 आरोपियों...
इस खबर को सुनें
मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों के मामले में शाहनवाज, सचिन और गौरव की 27 अगस्त 2013 को हुई हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव के बीच मिनी ट्रक में आगजनी के मामले में विधायक विक्रम सैनी समेत सभी 12 आरोपियों को स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया। इस मामले में वादी मुकदमा व मुख्य गवाह की मौत हो चुकी है और अभियोजन की ओर से पेश किए गए किसी गवाह ने आरोपियों की पहचान नहीं की। उधर कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन को भी स्पेशल कोर्ट से राहत मिली है। उनके खिलाफ मारपीट व कैमरा आदि तोड़ने की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वादी मुकेश ने कोर्ट में पेश होकर पुलिस विवेचना पर संतोष जताया। जिस कारण कोर्ट ने नाहिद हसन के मामले में पुलिस द्वारा लगाई गई फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।
कवाल कांड में एक ओर से शाहनवाज की हत्या के बाद भीड़ द्वारा सचिन और गौरव की निर्मम हत्या किए जाने के बाद मुजफ्फरनगर में जबर्दस्त सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। इस घटना के बाद गांव में आगजनी भी हुई थी। गांव कवाल निवासी इश्त्याक की ओर से जुबानी तहरीर के आधार पर पुलिस ने अभियुक्त गण विक्रम सैनी (अब विधायक), राकेश सैनी समेत 12 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किसी गवाह ने किसी अभियुक्त का नाम कोर्ट में नही लिया ना ही किसी को पहचाना। इसी आधार पर स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट के पीठासीन अपर सत्र न्यायाधीश (कोर्ट नंबर 4) गोपाल उपाध्याय ने विधायक विक्रम सैनी समेत सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया।
उधर वर्ष 2016 में कैराना के विधायक नाहिद हसन के खिलाफ मुकेश द्वारा जबरन बंधक बनाने, गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी देने तथा आईटी एक्ट के उलंघन के आरोप में मामला दर्ज कराया था। कैराना पुलिस ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में मुकदमा वादी मुकेश अपने अधिवक्ता के साथ पेश हुआ और शपथपत्र देकर पुलिस विवेचना से संतुष्ट होने की बात कही। पीठासीन अपर सत्र न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने वादी के पुलिस द्वारा लगाई गई फाइनल रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नही किए जाने पर इसे स्वीकार कर लिया। इससे विधायक कैराना नाहिद हसन को राहत मिली है।