यूपी सरकार की इस योजना से मकान बनवाने वाले लोगों का सपना होगा पूरा
यूपी सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग योजना में 50 फीसदी छोटे भूखंड और भवन आरक्षित करना अनिवार्य कर दिया है। भूखंडों में 1000 वर्ग फीट और भवनों में 750 वर्ग फीट कवर एरिया तक मकान बनाना होगा। आवास विभाग का...
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यूपी सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग योजना में 50 फीसदी छोटे भूखंड और भवन आरक्षित करना अनिवार्य कर दिया है। भूखंडों में 1000 वर्ग फीट और भवनों में 750 वर्ग फीट कवर एरिया तक मकान बनाना होगा। आवास विभाग का मानना है कि इस नीति के आधार पर दुर्बल वर्ग के साथ निम्न मध्य आय वर्ग के लोगों को आवासीय जरूरतें पूरी होंगी।
प्रदेश में सबसे अधिक छोटे मकान और जमीन की जरूरत है। मगर, बिल्डर ईडब्ल्यूएस और एलआईजी को छोड़ कर निम्न मध्य आय वर्ग के लोगों के लिए कम मकान बनाते हैं। इससे इस वर्ग के लोगों को आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी सोसायटियों का सहारा लेना पड़ता है। इसके चलते शहरों में अवैध कालोनियों की भरमार होती जा रही है। आवास विभाग ने अवैध कालोनियों पर रोक लगाने के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग योजना में निम्न मध्य वर्गों का विशेष ध्यान रखा है।
इस योजना में प्लाटेड डवलपमेंट यानी जमीन विकसित कर बेचने वालों को 50 फीसदी 1000 वर्ग फीट के भूखंड आरक्षित करने होंगे। इसी तरह ग्रुप हाउसिंग योजना में प्रस्तावित कुल इकाइयों की न्यूनतम 50 प्रतिशत फ्लैट 750 वर्ग फीट कारपेट एरिया के बनाने होंगे। अफोर्डेबल हाउिसंग योजना का क्रियान्वयन केवल एक आय वर्ग या एक से अधिक आय वर्ग के व्यक्तियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। इन योजनाओं में 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस व 10 फीसदी एलआईजी मकान भी बनाना अनिवार्य होगा।
रो हाउसिंग के मकान न्यूनतम नौ मीटर चौड़ी सड़क पर बनाने होंगे। रो हाउसिंग पद्धति के अंतर्गत दो आवासीय इकाइयों के बीच कॉमन सीढ़ी बनवानी होगी। रो हाउसिंग में आगे और पीछे सेट बैक छोड़ना अनिवार्य होगा। कार्नर के भूखंडों में साइड सेट बैक छोड़ना होगा। प्रत्येक आवासीय योजनाओं में स्ट्रीट लाइट के लिए अपारंपरिक ऊर्जा स्रोत या सौर ऊर्जा व बायोगैस को बढ़ावा दिया जाएगा। सड़क, नाली, सीवर की सुविधा अनिवार्य रूप से देनी होगी।