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दुधवा के जंगल में अचानक लगी आग, 100 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जलकर राख 

दुधवा नेशनल पार्क के किशनपुर रेंज में बुधवार शाम आग धधक उठी। इससे करीब 100 हेक्टेयर से ज्यादा वन संपदा जलकर राख हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि जंगल के वन्यजीव भी आग की चपेट में आ गए हैं। आग लगने...

दुधवा के जंगल में अचानक लगी आग, 100 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जलकर राख 
मैलानी-खीरी। हिन्दुस्तान संवादThu, 01 Apr 2021 12:09 AM
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दुधवा नेशनल पार्क के किशनपुर रेंज में बुधवार शाम आग धधक उठी। इससे करीब 100 हेक्टेयर से ज्यादा वन संपदा जलकर राख हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि जंगल के वन्यजीव भी आग की चपेट में आ गए हैं। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। वहीं आग से जंगल की सीमा पर बसे गांवों कटैया, कांप व टांडा में अफरातफरी का माहौल बन गया। मैलानी-भीरा जंगल से निकल रहे लोगों ने आग की लपटें देखीं। इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी गई।

किशनपुर रेंजर शत्रुघ्न लाल, मैलानी रेंजर आरपी सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वनकर्मियों के मुताबिक, आग मैलानी रेंज की सीमा से लगी और फैलते हुए किशनपुर रेंज तक आ गई। एक अनुमान के मुताबिक सौ हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में है। वन अधिकारियों का कहना है कि किसी चरवाहे या मजदूर ने बीड़ी पीकर फेंक दी, जिससे आग लगी है। आग की लपटें इस तरह उठ रही हैं कि मैलानी-भीरा रोड को बंद कर देना पड़ा। आग जंगल के दोनों ओर फैल चुकी है। रोड पर निकलने वाले उसकी तपिश से दहशतजदा हैं। खबर लिखे जाने तक फायर ब्रिगेड के लोग मौके पर नहीं पहुंचे थे। किशनपुर रेंजर शत्रुघ्न लाल का कहना है कि पलिया और गोला दोनों जगह की फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। आसपास के ग्रामीणों की मदद से आग बुझाने की कोशिश जारी है।

जंगल में आग, कांप उठे 50 गांवों के किसानों के कलेजे
गर्मी का सीजन आते ही जंगल में आग धधक उठी। अचानक लगी इस आग ने वन विभाग के इंतजामों की पोल भी खोल दी। विभाग लगातार फायर लाइन बनाने की बात कहता रहा लेकिन यह फायर लाइन कहां है। आग का विकराल रूप देखकर आसपास के करीब 50 गांवों के लोग मौके पर हैं। गांव वालों को आशंका है कि जंगल से यह आग कहीं उनके खेतों तक न पहुंच जाए। खेतों में गेहूं की तैयार फसल खड़ी है। अगर आग लगी तो फसल बर्बाद हो जाएगी। गांव वाले बताते हैं कि दो घंटे से ज्यादा का समय हो गया है पर फायर ब्रिगेड मौके पर नहीं पहुंची है। जंगल में फैली यह आग इतनी तेज से बढ़ी की जंगल में आग की कहावत चरितार्थ नजर आई।

मैलानी-भीरा जंगल में बुधवार की शाम को अचानक आग धधक उठी। आग कैसे लगी इसका पता नहीं चल सका। हवा के झोंके से आग ने इतनी जल्दी विकराल रूप ले लिया कि मैलानी-भीरा रोड पर आवागमन बंद हो गया। करीब आठ किलोमीटर तक आग को देखते हुए लोगों ने आवागमन रोक दिया। आग की लपटें देखकर लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड, पुलिस, राजस्व के अधिकारियों को सूचना दी। लेकिन देर रात तक मौके पर फायर ब्रिगेड नहीं पहुंच सकी। आग की लपटें देखकर आसपास के गांवों के किसान परेशान हैं। करीब 50 गांव ऐसे हैं जो जंगल के किनारे हैं। इन गांवों के किसानों के खेत जंगल से सटे हैं। खेतों में गेहूं की फसल तैयार खड़ी है। किसानों का कहना है कि अगर खेतों तक आग पहुंच गई तो उनकी फसल खाक हो जाएगी और वह बर्बाद हो जाएंगे। जंगल में लगी इस आग ने वन विभाग के इंतजामों को भी उजागर कर दिया। हर साल जंगल में आग धधकती है, हर साल विभाग आग से बचाव के लिए इंतजाम की बात कहता है लेकिन इंतजाम ढाक के तीन पात नजर आ रहे हैं। विभाग फायर लाइन बनाने की बात कहता है लेकिन कहीं भी फायर लाइन नजर नहीं आई।

पिछले साल लॉक डाउन में लगी थी ऐसी ही आग
पिछले साल जून में भी दुधवा टाइगर रिजर्व की किशनपुर सेंक्चुरी के कोरजोन की मड़हा बीट में भीषण आग लगी थी।  70 हेक्टेयर से अधिक जंगल जलकर राख हो गया था। बड़े पेड़ों को तो अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन ग्राउंड फ्लोरा पूरी तरह तहस-नहस हो गया था।  कुछ सूखे पेड़ों के भी जलने की सूचना थी। हर साल गर्मी में यहां आग लग जाती है। वन विभाग आग लगने के कारणों का खुलासा ही नहीं कर पाता है। जानवरों के मरने का तो अब तक ब्योरा ही सामने नहीं आ सका है।

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