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दूसरों को फंसाने के लिए दर्ज करा दिए 1.22 लाख झूठे मुकदमे, जानें क्या है यूपी का हाल

कहीं दहेज के लिए उत्पीड़न तो कहीं चकरोड के विवाद में रेप का आरोप, कहीं विरोधी पर दवाब बनाने की नीयत से छेड़खानी का केस तो कहीं किसी से दुश्मनी निकालने को दर्ज कराई गई चोरी-डकैती की रिपोर्ट।

दूसरों को फंसाने के लिए दर्ज करा दिए 1.22 लाख झूठे मुकदमे, जानें क्या है यूपी का हाल
Srishti Kunjविपिन कुमार शर्मा,रामपुरTue, 16 May 2023 02:06 PM
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कहीं दहेज के लिए उत्पीड़न तो कहीं चकरोड के विवाद में रेप का आरोप, कहीं विरोधी पर दवाब बनाने की नीयत से छेड़खानी का केस तो कहीं किसी से दुश्मनी निकालने को दर्ज कराई गई चोरी-डकैती की रिपोर्ट ने जिंदगी तबाह कर दी। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है कि बीते एक साल में 1.22 लाख से अधिक केस झूठे दर्ज कराए गए। विवेचना के दौरान इन मुकदमों में लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी।

कानूनन किसी के साथ भी कुछ गलत हो रहा है तो वह न्याय पाने के लिए पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इन कानूनों के दुरुपयोग के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। लोग दूसरों के फंसाने और दुश्मनी निकालने के लिए भी इनका किस हद तक दुरुपयोग करते हैं, यह एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है।

रामपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खां ने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी कि बीते सालभर में देश में कितने केस दर्ज हुए और उनमें कितने मुकदमें झूठे पाए गए। एनसीआरबी ने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार देश के सभी 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साल भर में 272687 केस दर्ज किए गए, जिनमें से 122211 मुकदमों में विवेचना के दौरान आरोपों की पुष्टि नहीं पायी गई। यानी, ये केस झूठे साबित हुए।

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यहां निकले सर्वाधिक झूठे केस
राज्य         कुल केस    झूठे निकले

राजस्थान     56475      33912
आंध्र प्रदेश   238679    16999
उत्तर प्रदेश 184309     16762
तमिलनाडु   212841    12132
बिहार         204937     7195
कर्नाटक     184515     6407
केरल         138355     5928
हरियाणा      65883     3224
महाराष्ट्र       290335   3023
पंजाब           54404    2886

आठ राज्यों में कोई केस झूठा नहीं
अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम में कोई केस झूठा नहीं पाया गया। इसी तरह केंद्र शासित अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दमन एंड दीव और लक्ष्यद्वीप में कोई भी केस फर्जी नहीं पाया गया। यहां दर्ज सभी केस में पुलिस ने आरोपियों को चार्जशीट किया है।

केस सिर्फ केंद्र शासित राज्यों में झूठे पाए, जबकि वहां 117626 केस दर्ज हैं
पूर्व डीजीसी (क्रिमिनल), अरुण प्रकाश सक्सेना ने कहा कि किसी भी मामले में झूठा केस दर्ज कराने वाले के खिलाफ आईपीसी की धारा-182 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर छह महीने तक कैद का प्रावधान है। वहीं, इस बीच बेगुनाही में यदि किसी को जेल भेज दिया गया है तो वह कोर्ट के माध्यम से मुआवजा मांग सकता है।

केंद्र शासित राज्यों में दिल्ली सबसे आगे
झूठे मुकदमें दर्ज कराने में केंद्र शासित राज्यों के बाशिंदे भी पीछे नहीं हैं। इनमें दिल्ली सबसे आगे हैं, यहां सर्वाधिक 103029 केस दर्ज किए गए जिनमें 902 केस फर्जी पाए गए। इसी तरह चंडीगढ़ में 121, पुदुचेरी में 47 और दादरी एंड नगर हवेली में 12 केस फर्जी मिले।

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