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चौथे दिन मां के कुष्माण्डा स्वरूप की हुई पूजा

शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था।...

शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था।...
1/ 4शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था।...
शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था।...
2/ 4शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था।...
शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था।...
3/ 4शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था।...
शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था।...
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हिन्दुस्तान टीम,सोनभद्रWed, 21 Oct 2020 03:12 AM
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शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मातारानी के कुष्माण्डा स्वरूप की पूजा हुई। देवी मंदिरों में भक्तों की पूजन अर्चन के लिए भीड़ लगी रही। सुबह से ही देवी मंदिरों पर आने का क्रम शुरु हो गया था। भक्तों ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए कतारबद्ध होकर मातारानी का दर्शन पूजन किया। सुबह से लेकर देर शाम तक मातारानी के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की मंदिरों में भीड़ लगी रही। सुरक्षा के मद्देनजर चाक-चौबंद व्यवस्था रही। राबर्ट्सगंज नगर स्थित शीतला मंदिर पर मंगलवार को चौथे दिन भी भक्तों की दर्शन-पूजन के लिए भीड़ जुटी रही। सुबह से ही मंदिर में भक्तों ने कतारबद्ध होकर दर्शन-पूजन किया। सुबह मंदिर का कपाट खुलते ही भक्तों के आने का क्रम शुरु हो गया था, जो देर शाम तक चलता रहा। राबर्ट्सगंज नगर के मेन चौक स्थित मां दुर्गा मंदिर, अम्बेडकर नगर स्थित कडे़ मां शीतला मंदिर तथा सातो मइया मंदिर में भी दर्शन पूजन के लिए भक्तों की काफी भीड़ लगी रही। वहीं सोमवार की शाम को दंडईत बाबा मंदिर परिसर में स्थित मां काली की आरती के लिए भक्तों की काफी भीड़ देखी गई। पुजारी मृत्युंजय त्रिपाठी ने आरती पूजन किया। आरती के दौरान भक्तों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए खडे़ देखा गया। सुरक्षा के मद्देनजर नगर के सभी देवी मंदिरों पर भक्तों की सुविधा के लिए पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था।दुद्धी प्रतिनिधि के अनुसार शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को देवी मंदिरों में मातारानी के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ देखी गई। भक्तों ने मातारानी का दर्शन-पूजन कर मंगला कामना की। सुबह मंदिर का कपाट खुलते ही दर्शन-पूजन का क्रम शुरु हो गया। नगर स्थित मां दुर्गा मंदिर में भक्तों के दर्शन-पूजन का क्रम लगा रहा। भक्तों ने मातारानी का दर्शन-पूजन कर मंगल कामना की। वहीं नगर के अन्य देवी मंदिरों में भी सुबह से लेकर देर शाम तक दर्शन-पूजन का क्रम चलता रहा। डाला प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के सुप्रसिद्ध वैष्णों मंदिर में माता का दर्शन पाने के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। मंगलवार को नवरात्रि के चौथे दिन माता के नौ रुपों में चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा हुई।माता के स्वरूप के बारे में कहा जाता है कि मां कुष्मांडा की आठ भुजाएं होती है। मां आठ भुजाओं में अलग-अलग वस्तु धारण किए हुए है। सात हाथों में कमंडल, धनुष-बाण, कमल पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र व गदा है। वहीं आठवें हाथ में सिद्धियों व निधियों को देने वाली जप माला है। नवरात्रि में पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। इस दौरान श्रद्धालुओं को कोविड 19 के नियमों का पालन करने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ मंदिर समिति के लोग लगे रहे।

. शास्त्रीय संगीत सुन भाव विभोर हुए श्रोता

डाला। अचलेश्वर महादेव मंदिर के 53 वें स्थापना दिवस पर मंगलवार की शाम संगीत समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंदिर के संस्थापक मंहत मुरली तिवारी के साथ राजेश द्विवेदी ने भगवान भोलेनाथ के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। संगीत समारोह का आरंभ काशी नगरी से आए बाल गोपाल मास्टर प्रणव शंकर ने राग भोपाली में गणेश वंदना प्रस्तुत कर किया। डॉक्टर राम शंकर ने ख्याल गायन से शिव को स्वरांजलि अर्पित करने के बाद राग यमन में विलंबित एक ताल में नीबद्ध मेरो मन बांध लिन्हो सुघर चतुर प्रिय सावरो मंत्र गायन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ राम शंकर शास्त्रीय संगीत के मूर्धन्य कलाकार पंडित रामाश्रय झा के सुयोग्य शिष्य है। गायन में बंदिशों के बोल तान और आलाप में गुरु और घराने की विशुद्ध झलक दिखी। उन्होंने ध्रुपद राग बागेश्वरी हमीर एवं सरस्वती में नीबद्घ बंदिशे गाकर कार्यक्रम का समापन भजन से किया। इस दौरान मौजूद दर्शकों ने खूब तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। अनलॉक के बाद महादेव मंदिर में शास्त्रीय संगीत के इस पहले कार्यक्रम से लोग उत्सुकता से भाव विभोर हो उठे। कोविड के मद्देनजर मंदिर प्रांगण में लोगों को सैनिटाइज कर मास्क दिया गया। प्रत्येक वर्ष होने वाले श्री अचलेश्वर महादेव संगीत समारोह में हर वर्ष की अपेक्षा इस बार श्रोताओं की संख्या कम रही। संचालन चंद्रकिरण ने किया। इस मौके पर राजवंश चौबे, जगदीश तिवारी, सजावल पाठक, नीरज पाठक, मनोज चौबे, मनोज तिवारी, चंद्र प्रकाश तिवारी आदि मौजूद रहे।

पुलिस ने महिलाओं को किया जागरूक

डाला। मिशन शक्ति के तहत डाला चौकी प्रभारी एसके सोनकर के नेतृत्व में बैष्णों मंदिर व नगर में महिलाओं, बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध की रोकथाम को लेकर व अपराध समाप्त करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। चौकी प्रभारी एसके सोनकर ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि चुप्पी तोड़े अपराध कम करने मे सहयोग करें। जब आपको असुरक्षा महसुस हो आप सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 181, 112, 1090, 1098 पर अवगत कराए प्रदेश की पुलिस आप सुरक्षा के सदैव तत्पर है। अपराध को रोकने के लिए उस अपराध का विरोध करना जरूरी है और सही समय से उसकी जानकारी पुलिस दें। अपराध कम तभी होगा जब उनके कर्मों की सजा का दंड़ मिलेगा। इस मौके पर महिला कास्टेबल व डाला सिपाही मौजूद रहे।

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