लुटेरे देश की नव प्रगति को आधार क्या देंगे
काशी विद्यापीठ शक्तिनगर परिसर में शनिवार शाम साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था सोन संगम की ओर से भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री...
बीना। हिन्दुस्तान संवाद
काशी विद्यापीठ शक्तिनगर परिसर में शनिवार शाम साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था सोन संगम की ओर से भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर विचार गोष्ठी एवं काव्य संध्या का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन एनटीपीसी शक्तिनगर के विजय कुमार सिकंदर ने कहा कि मालवीय जी का ऐसा विराट व्यक्तित्व है, जिसमें दया करुणा एवं सेवा का भाव स्पष्ट परिलक्षित होता है। दूसरी ओर अटल जी की कविताएं कालजई हैं जिसमें राष्ट्रीयता हिंदुत्व पूरी तरह दिखाई देता है।
वहीं विशिष्ट अतिथि मुंबई विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के हिंदी विभाग के राममूर्ति शुक्ला ने भी अपने विचार रखे। काव्य संध्या की अध्यक्षता कर रहे विनय कुमार अवस्थी ने अपने कविता की प्रस्तुति में कहां अटल ने गर्व से, हिंदू मेरा धर्म, प्रस्तुत की। सिंगरौली से आए सुरेश गिरी प्रखर ने, जो पीकर खून पलते हैं, वह हमको प्यार क्या देंगे, लुटेरे देश की नव प्रगति को आधार क्या देंगे प्रस्तुत की। अन्य कवियों में बद्री प्रसाद, मनिधर त्रिपाठी, मिथलेश इत्यादि ने भी काव्य पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ योगेंद्र मिश्र ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन विजय कुमार दुबे ने किया। इस कार्यक्त्रम में, सुरेंद्र द्विवेदी प्रधानाचार्य विवेकानंद शिशु मंदिर, शक्तिनगर, डॉ रोहतास कुमार, दुर्गेश्वर मिश्र, अरविंद कुमार निगम, एम के त्रिपाठी, सरवन ,मुकेश ,शुभम अच्छेलाल, अनिल कुमार दुबे, सचिन मिश्रा राम जनम, उपेंद्र, उदय नारायण पांडेय, कोहिनूर इत्यादि मौजूद रहे।
