मानक के अनुरूप नहीं हैं विद्यालयों में शिक्षक
म्योरपुर। देश के सर्वाधिक पिछड़े जिले में एक सोनभद्र की दुद्धी तहसील में...

म्योरपुर। देश के सर्वाधिक पिछड़े जिले में एक सोनभद्र की दुद्धी तहसील में सरकारी स्कूलों में मानक के अनुसार शिक्षक नहीं है। सैकड़ों बच्चों में एक दो शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है, जिससे बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यही नहीं कई विद्यालयों में तो शिक्षकों से अन्य सरकारी कार्य लिए जा रहे, जिससे वह अध्यापन का कार्य नहीं कर पा रहे हैं। यह बातें सोमवार को रासपहरी में जारी आइपीएफ के धरने में 63 वें दिन उठी। वक्ताओं ने कहा कि योगी सरकार विज्ञापनों पर करोड़ रुपये खर्च कर विकास का सब्जबाग दिखा रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर विकास दिखाई नहीं देता। सरकार द्वारा प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती न करने से विद्यालयों में शिक्षकों का अत्यधिक अभाव है। एक अध्यापक कक्षा 8 तक के बच्चों को पढ़ा रहा है। इससे बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। धरने में मानक के अनुसार विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति करने और शिक्षकों से अध्यापन के अतिरिक्त अन्य सरकारी कार्य न कराने की मांग की गई। धरने में कृपा शंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, मंगरू प्रसाद गोंड़, मनोहर गोंड़, बिरझन गोंड़, इंद्रदेव खरवार, सुरेश सिंह गोंड़, सिंह लाल गोंड़, मोहन सिंह गोंड़, संजय सिंह गोंड़, रामसकल गोंड़, उदित गोंड़ आदि लोग उपस्थित रहे।
