भगवान की कथा सुनने से मिटते हैं पाप
हिण्डाल्को रेणुकूट प्रबंधन के सौजन्य से रेणुकेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में सप्तदिवसीय रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। हिण्डाल्को के सुरक्षा प्रमुख एवं नगर प्रशासक कर्नल संदीप खन्ना ने...
हिण्डाल्को रेणुकूट प्रबंधन के सौजन्य से रेणुकेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में सप्तदिवसीय रामकथा का आयोजन किया जा रहा है। हिण्डाल्को के सुरक्षा प्रमुख एवं नगर प्रशासक कर्नल संदीप खन्ना ने श्रीरामचरितमानस का पूजन कर एवं कथावाचक पंडित नाना लालजी का टीका कर प्रथम दिन की रामकथा का शुभारंभ कराया।
इस दौरान कथा प्रारंभ करते हुए पं नानालालजी ने भागवत का उदाहरण देते हुए कथा के रहस्य को बताते हुए कहा कि भगवान की कथा संसार के पाप-ताप से मुक्ति दिलाने में अमृत है। कथा को आगे बढ़ाते हुए व्यासजी ने कहा कि संसार जितना पापकर्म बाधक है उतना ही सत्कर्म बाधक भी है। कारण कि पापकर्म से ग्लानि तथा पुण्यकर्म से अभिमान उत्पन्न होता है। कर्म के बंधन से मुक्ति के लिए भक्ति ही सहायक होती है। प्रथम भगति संतन कर संगा अर्थात् भक्ति का आरंभ सत्संग से होता है, संतों के शरण में जाने से अपने आप कर्म का बंधन कटता है। भगवान के चरणों में प्रेम उत्पन्न होता है। परिणामत: जीवन में शांति व समृद्धि आती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।