छत्तीसगढ़ भेज रहे यूपी का धान
उत्तर प्रदेश सरकार से धान खरीद किए जाने के बावजूद बिचौलिये प्रशासन की आंख में धूल झोंककर बड़े पैमाने पर यूपी का धान छतीसगढ़ भेज रहे हैं। इसमें राजस्व की चोरी की जा रही है। बिचौलियों की चांदी कट रही...
उत्तर प्रदेश सरकार से धान खरीद किए जाने के बावजूद बिचौलिये प्रशासन की आंख में धूल झोंककर बड़े पैमाने पर यूपी का धान छतीसगढ़ भेज रहे हैं। इसमें राजस्व की चोरी की जा रही है। बिचौलियों की चांदी कट रही है।
यूपी सरकार की ओर से लैम्पस सहित अन्य कई जगहों पर धान क्रय केंद्र खोले गए हैं, जहां धान की खरीदारी की जा रही है। लेकिन किसान बिचौलियों द्वारा दिए जा रहे नगद भुगतान के चक्कर में पड़कर अपना धान उन्हें बेच दे रहे हैं। बिचौलिए घर-घर जाकर 12-13 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से नगद धान खरीद ले रहे हैं। वे अमवार, सुंदरी, भीसुर के रास्ते छतीसगढ़ में बेच दे रहे हैं। क्षेत्र में इस समय यह धंधा तेजी से चल रहा है। छतीसगढ़ धान बेचे जाने से बिचौलियों की जेब तो गरम हो रही है, लेकिन यूपी सरकार और छतीसगढ़ सरकार की राजस्व की हानि हो रही है। छतीसगढ़ में धान की पैदावार कम हुई है। ऐसे में वहां के किसान यूपी से 13-14 रुपये किलो धान खरीद कर छतीसगढ़ में बोनस सहित 18 रुपये किलो बेचकर चार-पांच रुपये का घर बैठे मुनाफा कमा रहे हैं। इससे राजस्व का जमकर नुकसान किया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो धान की कालाबाजारी में बिचौलिये प्रतिकिलो 2-3 रुपये का मुनाफा कमा लेते हैं और भुगतान की भी झंझट नहीं रहती। लेकिन इस कालाबाजारी से जहां यूपी सरकार की राजस्व छतीसगढ़ में जा रहा है वहीं, छतीसगढ़ के किसान भी यूपी का धान खरीद कर अपनी सरकार के आंख में धूल झोंक रहे हैं। इस बारे में उपजिलाधिकारी दुद्धी भानु प्रताप सिंह का कहना है कि अगर यहां का धान बिचौलियों द्वारा छत्तसीगढ़ भेजा जा रहा है तो उन्हें चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोई भी ऐसा वाहन जो छत्तीसगढ़ धान का ढुलान करता पाया गया तो वाहन सीज करते हुए धान जब्त कर लिया जाएगा।