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बारिश से धान की फसल को पहुंचा नुकसान

पिछले दिनों हुई बारिश और तेज हवाओं के कारण जिले में कुछ स्थानों पर धान की फसल को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। धान की बालियां गिर गई हैं। धान के...

बारिश से धान की फसल को पहुंचा नुकसान
हिन्दुस्तान टीम,सोनभद्रTue, 19 Oct 2021 03:10 AM
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सोनभद्र। हिटी

पिछले दिनों हुई बारिश और तेज हवाओं के कारण जिले में कुछ स्थानों पर धान की फसल को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। धान की बालियां गिर गई हैं। धान के गीला रहने से बाजार में उचित मूल्य भी नहीं मिलेगा।

घोरावल प्रतिनिधि के अनुसार तेज हवा के साथ बरसात के कारण धान की खड़ी फसल गिर गई है, जिससे किसानों को नुकसान हुआ है। धान की पैदावार प्रभावित होगी।

शाहगंज प्रतिनिधि के अनुसार बारिश से धान के किसानों का भारी नुकसान हुआ है। अच्छी-खासी फसल पर अंतिम चरण में प्राकृतिक प्रकोप से किसान परेशान हैं। इस वर्ष समय-समय पर बरसात होते जाने से धान की फसल काफी अच्छी थी, किन्तु जब धान में बालि लगने लगी और बालियों में फूल के साथ दाना पड़ने लगा, तभी तेज हवा चलने तथा भारी बारिश होने से धान की बालियों में लगे फूल झड़ गये और धान जमीन पर लेट गया है। यही नहीं खेतों में अधिक नमीं होने से कंडुआ रोग पकड़ने लगा है। घोरावल ब्लाक के ओइनी गाँव के किसान सर्वेश मिश्रा ने बताया कि हवा चलने से ज्यादा नुकसान हुआ है। धान के फूल झड़ जाने से पैदावार कम होगी। धनावल गाँव के उदित सिंह के मुताबिक हवा और बारिश का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव जीरा बत्तीस, तुलसी मंजरी, बासमती जैसे महीन धान की प्रजाति की फसलों पर पड़ा है। हवा के चलते फसल खेतों में लोट गयी हैं। खेतों में पानी भरा है और फसल सड़ सकती है तथा बालियां भी नहीं निकलेंगी।

ओदार गाँव के किसान दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि दोहरा नुकसान हो सकता है। धान का तो नुकसान हुआ ही रवि की बुआई भी पिछड़ेगी और अधिक नमी होने से धान में कंडुआ रोग भी लगने लगा है। बड़े पैमाने पर हुई इस तबाही के बाद किसानों को फसल बीमा का क्लेम मिलना चाहिए, क्योंकि इस आपदा के रेंज में काफी बड़ा इलाका आया है। खलियारी प्रतिनिधि के अनुसार नगवां ब्लाक क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा से धान की फसल में उपज और उसके मूल्य में ही गिरावट आएगी। क्षेत्र के किसान हीरालाल मौर्य, राजवंश, सत्यनारायण विश्वकर्मा, उदयशंकर पांडेय, लालबहादुर सिंह, महेंद्र सिंह यादव आदि ने बताया कि बारिश के चलते धान काटते समय नुकसान होगा। पानी में भीगे धान का उचित मूल्य नहीं मिलता है।

अभी धान की कटाई से बचें, खेत में से पानी निकालें

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि यदि धान के खेत में पानी है तो उसे निकाल दें। आने वाले 48 घंटों में फिर एक बार तेज बारिश के आसार हैं। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ विनीत कुमार यादव का कहना है कि जिन किसानों की धान की फसल तेज हवा के कारण गिर गई हो और खेत में पानी जमा है, ऐसी स्थिति में किसान बंधु अभिलंब जल निकासी की व्यवस्था करें नहीं तो धान की फसल का काफी नुकसान होगा। उन्होंने आगामी 48 घंटे में मध्यम से भारी बरसात होने की संभावना व्यक्त की है। किसानों को अर्ली वैरायटी सरसों और मटर की खेती से बचने तथा जलजमाव वाले क्षेत्रों से जल निकासी करने और सब्जी की खेती से भी जलजमाव की निकासी करने की सलाह दी है। धान की पकी फसल की कटाई थोड़ा रुक कर करने की भी सलाह दी गई है।

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