अब तालाब खुदवाने में किसानों को मिलेगी सरकारी मदद
यदि आप लघु सीमांत किसान हैं और आपका जॉब कार्ड बना है तो आप अपने खेत में बगैर पैसा खर्च किए तालाब खुदवा सकते हैं। इसके लिये सिर्फ आपको अपनी सहमति प्रदान करने की जरूरत है। जिला प्रशासन सरकारी खर्च पर...
यदि आप लघु सीमांत किसान हैं और आपका जॉब कार्ड बना है तो आप अपने खेत में बगैर पैसा खर्च किए तालाब खुदवा सकते हैं। इसके लिये सिर्फ आपको अपनी सहमति प्रदान करने की जरूरत है। जिला प्रशासन सरकारी खर्च पर इच्छुक लघु सीमांत किसानों के खेत में तालाब खुदवाने जा रहा है। पूरे जिले में ऐसे दस हजार तालाब खोदे जाने हैं। जिसके लिए तीन सौ करोड़ रुपये का बजट है।अनुसूचित जाति (मनरेगा मजदूर) के लोग भी इसका लाभ ले सकते हैं। यहीं नहीं तालाब खुदवाने के बाद यदि कोई मछली पालन करना चाहता है तो इसके लिए उसे निशुल्क किट भी उपलब्ध कराया जायेगा। इस पहल के पीछे जिला प्रशासन का उद्देश्य जनपद सोनभद्र के जलस्तर का बनाये रखते हुये सिंचाई और पेयजल की समस्या को दूर करना है। जिला विकास अधिकारी रामबाबू त्रिपाठी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में जनपद सोनभद्र में 10 हजार छोटे-बड़े तालाब खुदवाने का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्य मनरेगा के तहत किया जायेगा। एक मई से तालाब खुदाई का काम शुरू हो जायेगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जिले में एक हजार तालाब खुदवाने से उस क्षेत्र में जलस्तर सही रखने में काफी हद तक मदद मिली है। इसको ध्यान में रखते हुए इस वर्ष पूरे जिले भर में छोटे-बड़े 10 हजार तालाब खुदवाने का लक्ष्य जिला प्रशासन ने निर्धारित किया गया है। ताकि भविष्य में पेयजल और सिंचाई के लिए जल संकट से निबटा जा सके। इसलिए यह तय किया गया है कि इच्छुक मजदूर वर्ग और लघु सीमांत किसान जो अपने खेत में तालाब खुदवाना चाहते है उनका सरकारी खर्च पर तालाब खुदवाया जायेगा। इसके लिए उन्हे पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है, बस केवल आवेदन करने की जरूरत है। तालाब की लंबाई-चौड़ाई और गहराई कितनी रहेगी, यह किसान को तय करना होगा। अभी कार्यस्थल का चिह्निकरण और स्टीमेट बनाने का कार्य चल रहा है। 10 हजार तालाब खुदवाने पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होगा। खुद का तालाब खोदने पर मिलेगा पैसा सोनभद्र। जिला विकास अधिकारी रामबाबू त्रिपाठी के मुताबिक लघु सीमांत किसान या मजदूर वर्ग के लोग (जो जॉब कार्ड होल्डर है)अपने खेत में तालाब खुदवाते हैं और खुद भी काम करते हैं तो ऐसे लोगों को उनका पारिश्रमिक भी मिलेगा। पारिश्रमिक का भुगतान भारत सरकार के खाते से सीधे संबंधित व्यक्ति के खाते में होगा। इसके लिए पहले जैसा कागज पर मस्टरोल भरने के लिए भी जरूरत नहीं है। 1000 तालाब खुदवाने में खर्च हुए 29 करोड़ सोनभद्र। वर्ष 2018-19 में जनपद सोनभद्र में एक हजार छोटे-बड़े तालाब, बाउली, कूप, बंधी खुदवाने पर लगभग 29 करोड़ रुपये खर्च आया था। जिला विकास अधिकारी श्री त्रिपाठी ने बताया कि पांच साल के अध्ययन के बाद उक्त तालाब खुदवाये गये थे। उसमें 17 लाख मानव दिवस काम हुआ था। इस प्रकार से 10 हजार तालाब खोदवाने पर लगभग 290-300 करोड़ रुपये खर्च होगा।