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रेणुकापार क्षेत्र की समस्याओं पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

आदिवासी क्षेत्र रेणुकापार एवं सलखन के पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र जो शिक्षा, चिकित्सा, आवागमन, पेय जल, बेरोजगारी, सिंचाई के अभाव के मुद्दे को मंगलवार को इंटक कार्यालय में बैठक हुई। कहा गया कि तमाम आश्वासनों...

रेणुकापार क्षेत्र की समस्याओं पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
ओबरा। हिन्दुस्तान संवादTue, 11 Sep 2018 08:44 PM
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आदिवासी क्षेत्र रेणुकापार एवं सलखन के पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र जो शिक्षा, चिकित्सा, आवागमन, पेय जल, बेरोजगारी, सिंचाई के अभाव के मुद्दे को मंगलवार को इंटक कार्यालय में बैठक हुई। कहा गया कि तमाम आश्वासनों के बावजूद अब तक उक्त समस्याओं का हल नहीं निकला। 
इंटक के जिलाध्यक्ष हरदेव नारायण तिवारी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि  रेणुकापार के आदिवासी क्षेत्र मे बसे लाखों आदिवासियों के बच्चों को पढ़ने के लिए कोई हाईस्कूल, इंटर कालेज नहीं है। जिसके कारण कक्षा 8 के आगे कोई शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहा है। आवागमन के अभाव मे एम्बुलेंस भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। पेयजल, चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है। श्री तिवारी ने कहा कि सलखन के पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र मे बसे हजारों आदिवासी मजदूरों के खेतों में सिंचाई के लिए केरवा बाँध का निर्माण की मांग को लेकर इण्टक ने 26अगस्त 2018 को मंडल नोडल अधिकारी सोनभद्र अमित गुप्ता से शक्ति भवन में मिलकर ज्ञापन भी दिया। दुशान पावर सिस्टम ओबरा के प्रोजेक्ट मैनेजर एवं इनके अधीन कंपनियों के अधिकारियों के साथ संगठन की सकारात्मक वार्ता हो चुकी है। वार्ता में आश्वासन भी दिया गया कि ओबरा सी प्लांट में सितंबर 2018के बाद स्थानीय,आदिवासी समुदाय के लोगों को रोजगार दिया जायेगा। लेकिन, अब तक किसी भी मुद्दे का हल नहीं निकला। बैठक मे हरिशंकर गोंण, रामबिलास दूबे, अकमानी देबी, बसन्ती देबी, रामदुलारे गोंण, प्रहलाद गुप्ता, रमेश सिंह यादव, प्रभातकुमार पांडेय, क्षात्र नेता अमरेश यादव, मुकेश जायसवाल, शम्भूनाथ दूबे, राजाराम, सूर्य नारायण सिंह, सुदामा विश्वकर्मा, शालिकराम,रमाशंकर गोंण सुमित्रा देबी, रबिन्द्र पांडेय कलावती देबी, हीरावती देबी, आदि दर्जनों लोग मौजूूद रहे। संंचालन जिला महासचिव अख्तर खान ने किया।

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