वनाधिकार अधिनियम को लेकर जानकारी दी गई
सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम कारीडांड चपकी में सोमवार को अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम एवं संसोधन नियम के क्रियान्वयन के...
बभनी। हिन्दुस्तान संवाद
सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम कारीडांड चपकी में सोमवार को अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम एवं संसोधन नियम के क्रियान्वयन के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ।
इस मौके पर मुख्य अतिथि गिरीश कुबेर ने वनाधिकार कानून पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोगों द्वारा बहुत से दावे प्रस्तुत किए गए। लेकिन, बहुत से दावे निरस्त कर दिए गए। 13 दिसंबर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढ़ियों तक प्राथमिक रुप से वन या वनभूमि में निवास करने संबंधी साक्ष्य प्रस्तुत न कर पाने के कारण अस्वीकृत कर दिया गया। कहा कि अस्वीकृत दावों के निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई के लिए ग्राम स्तरीय समिति उपखंड स्तरीय, समिति एवं जिला स्तरीय समिति के सदस्यों को प्रशिक्षित करना अनिवार्य है। ताकि आने वाली कठिनाइयों का निस्तारण हो सके। वनाधिकार कानून के संबंध में वनाधिकार समिति के सत्यनारायण यादव, देवनारायण सिंह खरवार,अभय कुमार, मानसिंह गोंड़ तथा जीतसिंह ने अपना अपना सुझाव दिया। सत्यनारायण यादव ने कहा कि गांव से वनाधिकार कानून के दावे प्रस्तुत किए गए, लेकिन उन दावों को बगैर निरीक्षण किए ही निरस्त कर दिए गए। रामदुलारे ने कहा कि जो कास्तगार जितनी जमीन जोतकोड करता चला आ रहा है उसे उसका पट्टा दिया जाएगा। समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव ने कहा कि वनाधिकार कानून की आवश्यकता ही नहीं उस पर आपका अधिकार है। उन्होंने वन धन योजना, छात्रवृत्ति योजना सभी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रभागीय वनाधिकारी कुंज मोहन वर्मा ने कहा कि इसके पूर्व में जो भी गड़बड़ी हुई है, उसे सुधारने का प्रयास किया जायेगा। वनाधिकार के जो दावे पेंडिंग हैं या जो निरस्त किए गए उसका अध्ययन किया जाएगा और दावेदार का भी यह कर्तव्य था कि उस पर आपत्ति करना चाहिए था कि या गलत हुआ। कहा जो भी होगा वह नियमानुसार होगा,नियम से हट कर नहीं होगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के प्रदेश उपाध्यक्ष रामनरेश पासवान रहे। प्रशिक्षण में संरक्षक वीरेंद्र नारायण शुक्ल, कृष्ण गोपाल, जवाहरलाल जोगी, ब्लाक प्रमुख मानसिंह गोंड़, काजल पनिका, एडीओ पंचायत काशीराम ठाकुर उपस्थित रहे। संचालन आनंद भाई ने किया।