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हरी सब्जियों का नहीं मिल रहा उचित दाम, संकट में किसान

दुद्धी। हिन्दुस्तान संवाद। मंडियों में हरी सब्जियों का आवाक बढ़ जाने से इस...

हरी सब्जियों का नहीं मिल रहा उचित दाम, संकट में किसान
हिन्दुस्तान टीम,सोनभद्रMon, 16 May 2022 05:01 PM
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दुद्धी। हिन्दुस्तान संवाद।

मंडियों में हरी सब्जियों का आवाक बढ़ जाने से इस बार किसानों को इसका उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। मंडी में कोई खरीददार नहीं मिलने के चलते अब तो किसान अपने सब्जियों को मवेशियों को खिला दे रहे हैं।

अप्रैल माह में सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि होने से लोगों का बजट बिगड़ गया था। गरीबों की थाली से हरी सब्जियां गायब हो गई थी। लेकिन गर्मी के मौस में सब्जियों की पैदावार ज्यादा होने से किसानों को उनकी सब्जियों की फसल की लागत नहीं मिल पा रही है। सब्जियों के दाम आधे पर आ गए हैं। किसान अपनी उत्पादों को मंडी में लाकर घंटों बेचने का प्रयास कर रहे है और अंत तक ग्राहक ना मिलने की दशा में सब्जियों के फसल को मंडी में ही फेक दे रहे हैं। जिसे मवेशी चट कर जा रहे हैं। इससे परेशान किसान खाली हाथ घर जा रहे हैं। रजखड़ के किसान सुरेश ने बताया कि इस समय मंडी में एक रुपये किलो भिंडी, दो रुपये किलो करैला, तीन रुपये किलो खीरा व पांच रुपये किलो ककड़ी बेची जा रही है। फिर भी इन सब्जियों को कोई नहीं पूछ रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार सब्जियों की लागत नहीं निकल पा रही है। बताया कि एक किलो भिंडी पैदा करने में सात रुपये की लागत आती है। एक किलो करेला में पांच रुपये, एक किलो खीरा पैदा करने में चार और एक किलो ककड़ी पैदा करने में चार रुपये का खर्च आता है। उधर, किसान विनय कुशवाहा ने कहा कि तेज गर्मी व लग्न फीका पड़ने के कारण सब्जियों की मांग कम हो गई है। दूसरी तरफ खेतों से इन सब्जियों का उत्पादन भारी मात्रा में हो रहा है। मंडी में सब्जी लेकर आने के बाद बिक्री नहीं होने पर उसे ले जाने में भी अधिक खर्च आएगा। इसके चलते सब्जियों को किसान सड़कों पर फेंक कर चले जा रहे हैं।

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