पानी के अभाव में सूखने लगी धान की फसलें
दुद्धी तहसील क्षेत्र के महुली व आसपास के दुरुह इलाकों में पानी के अभाव में सिंचाई न होने के कारण किसानों की धान की फसल सूखने लगी है। वहीं दलहन और तिलहन की फसलों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।...
दुद्धी तहसील क्षेत्र के महुली व आसपास के दुरुह इलाकों में पानी के अभाव में सिंचाई न होने के कारण किसानों की धान की फसल सूखने लगी है। वहीं दलहन और तिलहन की फसलों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इसे लेकर किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।
दुद्धी तहसील सहित दक्षिणांचल में औसत से कम बारिश होने के कारण अभी से ही जल संकट बढ़ने लगा है। नदी, नालों, बंधियों व बावलियों का जलस्तर तेजी से खिसकता चला जा रहा है। इधर कई दिनों से बरसात न होने के कारण धान की फसलें सूखने लगी है। अरहर, तिल, उरद आदि दलहनी व तिलहनी की फसलों पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इससे खून पसीना एक कर फसलों को बोने वाले किसानों की अपनी फसलों को देखकर बेचैनी बढ़ने लगी है। साथ ही रोज़ी रोटी और परिवार का भरण पोषण की चिंता सताने लगी है। बता दें कि जिले के दुद्धी तहसील समेत दक्षिणांचल की भौगोलिक स्थिति उबड खाबड तथा पहाड़ियों से अच्छादित है। यहां पर 95 फीसदी खेती भगवान भरोसे होती है।
शुरुआती बरसात के दौरान किसानों ने कड़ी मेहनत कर हज़ारों रुपये खर्च कर किसी तरह तो धान की रोपाई कर दी। लेकिन इधर बारिश न होने के कारण धान की फसल सूखने के कगार पर पहुंच चुका है। क्षेत्रीय किसान विश्वनाथ गुप्ता, रामनरायन गुप्ता, धनुषधारी सिंह, दिरगज राम, प्रेमचंद, हैदर अली आदि किसानों ने बताया कि बरसात के दौरान किसी तरह से हज़ारों रुपये खर्च कर धान की रोपाई तो कर दी लेकिन अब पानी नहीं होने से पूरी धान की फसल सूखने लगी है। अगर बरसात नहीं हुआ तो हम दक्षिणांचल के किसानों के समक्ष रोज़ी रोटी के लिए बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी।