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खरना का प्रसाद चढ़ा 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू

सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर सोमवार को व्रती महिलाओं ने खरना (गुड़ से बनी खीर) का प्रसाद चढ़ाकर और उसे खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया। इस दौरान जगह-जगह महिलाओं ने विधि-विधान से स्नान ध्यान...

सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर सोमवार को व्रती महिलाओं ने खरना (गुड़ से बनी खीर) का प्रसाद चढ़ाकर और उसे खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया। इस दौरान जगह-जगह महिलाओं ने विधि-विधान से स्नान ध्यान...
1/ 2सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर सोमवार को व्रती महिलाओं ने खरना (गुड़ से बनी खीर) का प्रसाद चढ़ाकर और उसे खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया। इस दौरान जगह-जगह महिलाओं ने विधि-विधान से स्नान ध्यान...
सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर सोमवार को व्रती महिलाओं ने खरना (गुड़ से बनी खीर) का प्रसाद चढ़ाकर और उसे खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया। इस दौरान जगह-जगह महिलाओं ने विधि-विधान से स्नान ध्यान...
2/ 2सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर सोमवार को व्रती महिलाओं ने खरना (गुड़ से बनी खीर) का प्रसाद चढ़ाकर और उसे खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया। इस दौरान जगह-जगह महिलाओं ने विधि-विधान से स्नान ध्यान...
हिन्दुस्तान टीम,सोनभद्रMon, 12 Nov 2018 10:22 PM
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सूर्य उपासना का महापर्व छठ पर सोमवार को व्रती महिलाओं ने खरना (गुड़ से बनी खीर) का प्रसाद चढ़ाकर और उसे खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया। इस दौरान जगह-जगह महिलाओं ने विधि-विधान से स्नान ध्यान करने के बाद अपनी वेदियां भी बनाई। 36 घंटे के व्रत में मंगलवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देंगी। इसके बाद बुधवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होगा। पर्व के मद्देनजर सोमवार को पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए बाजारों में काफी चहल-पहल रही।

पुत्र की दीर्घायु और सुख समृद्धि की कामना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को मनाए जाने वाले सूर्य उपासना के महापर्व छठ के मद्देनजर सोमवार को बाजारों में काफी चहल-पहल रही। राबर्ट्सगंज नगर में जगह-जगह महिलाओं को पूजन सामग्री खरीदते देखा गया। महिलाएं कहीं गन्ना तो कहीं फलों की खरीदारी करने में व्यस्त रहीं। घरों में प्रसाद बनाने का कार्य भी तेजी से चलता रहा। राबर्ट्सगंज नगर के रामसरोवर तालाब, नगर से सटे शाहगंज रजवाहा, बरकरा गांव स्थित तालाब, देवरी, सिरपालपुर, धरनीपुर व बढ़ौली गांव स्थित तालाब पर शाम के समय महिलाओं ने वेदी पूजन किया। पर्व को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा था। मंगलवार को व्रती महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देंगी। इसके बाद बुधवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होगा। उधर छठ घाटों पर साफ-सफाई, बिजली आदि व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर

पुलिस व महिला पुलिस के जवानों को भी तैनात किया जाएगा।

बीजपुर प्रतिनिधि के अनुसार छठ पूजा को धूमधाम से मनाने की तैयारियां पूरे क्षेत्र में पूरी कर ली गई है। स्थानीय रिहंद तापीय परियोजना में तरणताल में धूमधाम से छठ पूजा मनाया जाएगा। बीजपुर बाजार में दूधिहया मंदिर, शांति नगर सहित सिरसोती जरहां, सिंदूर, बकरीहवा, नधिरा, अनजानी आदि स्थानों पर छठ पूजा को धूमधाम से मनाने के लिए तालाबों की सफाई रविवार को ही कर लिया गया। व्रतधारी महिलाओं द्वारा सोमवार को छठ घाटों पर जाकर खरना का व्रत किया गया और शाम को खीर का भोजन लिया गया। छठ घाटों को झालर बत्तियों और टेंट से सजाया जा रहा है। बीजपुर बाजार में भी छठ पूजा के सामानों फलों आदि की दुकाने सज गई है। सूपा, डलिया आदि की भी जमकर बिक्री हो रही है। दुकानों पर पूजा में लगने वाले विभिन्न प्रकार के सामानों की अलग-अलग स्टार लगाई गई है।

चोपन प्रतिनिधि के अनुसार सोन नदी के पावन तट पर होने वाले महापर्व छठ पूजन की तैयारी आदर्श नगर पंचायत चोपन द्वारा साफ सफाई की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। सोमवार को छठ घाट पर महिलाओं ने विधि विधान से वेदी पूजन कर पूजा प्रारंभ किया। नगर पंचायत द्वारा नदी तट पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था, साफ-सफाई व सुरक्षा की दृष्टि से नाव और गोताखोरों की तैनाती की गई है। प्रभारी एसडीएम राजकुमार के कुशल निर्देशन में अधिशासी अधिकारी महेंद्र कुमार सारी व्यवस्थाओं की देखरेख में लगे हुए हैं। इसी के साथ हॉस्पिटल और फायर सर्विस के द्वारा भी तथा स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है।

भिक्षाटन कर छठ पर्व मनाने की पंरपरा

विण्ढमगज। छठ महापर्व के अवसर पर भिक्षाटन कर के छठ पर्व करने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि भिक्षाटन करके छठ पर्व करने पर मनोकामनाएं पूरी होती है। इसलिए सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, पुरुष विंढमगंज बाजार में छठ के लिए भिक्षा टन करते हुए देख रहे हैं। आदिवासी लोग इस अवसर पर अपने परंपरागत बाजे के साथ भिक्षाटन करते हैं, वहीं दूसरी ओर लोग भी श्रद्धालु महिला, पुरुष को भिक्षा देने के लिए बाकायदा अपने घर या दुकान के सामने छठ के पर्व की सामग्री लेकर बैठे रहते हैं। कोई फल तो कोई ईख तो कोई पूजा सामग्री। लोगों की ऐसी श्रद्धा है कि भिक्षा देने से भी उनका लाभ होता है।

विण्ढमगंज में आकर्षण का केन्द्र रहेंगी महाआरती

विण्ढमगज। छठ पूजा के अवसर पर सूर्य मंदिर के सामने होने वाली महाआरती छठ पूजा का सबसे आकर्षक का केंद्र होता है। इसके लिए सूर्य मंदिर के सामने स्टेज बनाया जाता है। इस पर बनारस से आरती करने के लिए विद्वान पंडितों की एक टीम आती है। आरती के समय काफी भीड़ होती है। इस बार लगभग पांच हजार से अधिक भक्तों की महाआरती में उमड़ने की उम्मीद है। सतत वाहिनी नदी के किनारे आरती के समय विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। ढोल नगाड़े की और घंटी के आवाज उसे पूरा वातावरण भक्ति में खो जाता है। 45 मिनट तक होने वाली इस महाआरती के लिए तैयारी शुरू हो गई है। आरती के लिए स्टेज बनाने का काम आनंद द्विवेदी, गगन दिवेदी, बबलू तिवारी, जितेंद्र शर्मा, जयप्रकाश यादव, दिनेश कुमार और ओम प्रकाश यादव को एक टीम सन क्लब सोसायटी ने बनाई है, जो महाआरती की पूरी तैयारी कर रही है। आरती के लिए 4 फीट चौड़ा और 7 फीट लंबा तथा 4 फीट ऊंचा का सात स्टेज बनाया जा रहा है। इस पर काशी से आए विद्वान पंडित आरती करेंगे।

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