400 केवी की अनपरा-सारनाथ पारेषण लाइन ट्रिप
आंधी-तूफान से चरमरायी प्रदेश की पारेषण -वितरण व्यवस्था का असर बिजलीघरों के उत्पादन पर लगातार जारी है। शनिवार से ही प्रदेश की दर्जनों ट्रांसमिशन लाइनों के ठप होने के बाद रविवार को 400 केवी की...
आंधी-तूफान से चरमरायी प्रदेश की पारेषण -वितरण व्यवस्था का असर बिजलीघरों के उत्पादन पर लगातार जारी है। शनिवार से ही प्रदेश की दर्जनों ट्रांसमिशन लाइनों के ठप होने के बाद रविवार को 400 केवी की अनपरा-सारनाथ पारेषण लाइन भी ट्रिप करने से हालत और भी खराब हो गये। उत्पादन निगम के अनपरा व ओबरा और लैंको के अनपरा सी बिजलीघरों से दिन भर 1050 मेगावाट उत्पादन कम करवा दिया गया। रिहन्द और ओबरा जलविद्युत गृहों का भी उत्पादन रविवार दिनभर बंद करने के निर्देश दिये गये है। सिस्टम कंट्रोल के मुताबिक फेज टू अर्थ फाल्ट पर रा लगभग एक बजे ट्रिप हुई 400 केवी की अनपरा-सारनाथ पारेषण लाइन को हालाकिं रविवार की दोपहर दुरूस्त कर लिया गया लेकिन इसके बावजूद बिजली की खपत लगभग 95 मिलियन यूनिट से अधिक कम हो जाने के कारण अनपरा सी से पांच सौ मेगावाट,अनपरा से तीन सौ मेगावाट और ओबरा से 250 मेगवाट की थर्मल बैकिंग कराने के आदेश जारी किये गये है। मौसम में परिवर्तन और पारेषण लाइनों की खराबी से बिजली की पीक डिमाण्ड भी मई महीने के दूसरे पखवारे के न्यूनतम स्तर 15513 मेगावाट तक ही सीमित रह गयी है जिसे देखते हुए 2630 मेगावाट की डेढ़ दर्जन इकाइयां पहले ही बंद करायी जा चुकी है।
रिहन्द-ओबरा जलविद्युत उत्पादन भी कराया बंद
बिजली की मांग लगभग 12 हजार मेगावाट रह जाने पर रविवार दिन में रिहन्द और ओबरा जलविद्युत से भी उत्पादन बंद करा दिया गया । बाद में रिहन्द जलविद्युत गृह की दो इकाइयां चालू करवायी गयी। मजबूरी यह बतायी जा रही है कि रिहन्द जलाशय का रविवार को जलस्तर लगभग 843.4 फीट पर बना हुआ है जो बीते साल से लगभग 4.7 फीट अधिक है और आगामी मानूसन के पूर्व लगभग 13 फीट जल का बेहद सस्ती बिजली(रु 0.764 प्रति यूनिट) बनाकर इस्तेमाल करना प्रबन्धन चाह रहा है।