निजी बिजलीघरों की 3690 मेगा की इकाइयां करायीं बंद
बिजली का महंगा उत्पादन विद्युतगृहों पर भारी पड़ने लगा है। सूबे में बिजली की सर्वाधिक मांग वाले अप्रैल से सितम्बर तक की पहली छमाही में भी सिस्टम कंट्रोल ने कई बिजलीघरों से उत्पादन बेहद महंगी बिजली पैदा...
बिजली का महंगा उत्पादन विद्युतगृहों पर भारी पड़ने लगा है। सूबे में बिजली की सर्वाधिक मांग वाले अप्रैल से सितम्बर तक की पहली छमाही में भी सिस्टम कंट्रोल ने कई बिजलीघरों से उत्पादन बेहद महंगी बिजली पैदा करने के कारण बंद करा दिया है। निजीक्षेत्र के बिजलीघरों पर फिलहाल इसका अधिक असर पड़ा है। 3690 मेगावाट की निजी बिजलीघरों की इकाइयां बंद करा दी गयी हैं जिनमें 1980 मेगावाट की एलपीजीसीएल ललितपुर, बीईपीएल बजाज की 450मेगावाट सभी इकाइयां और प्रयागराज बारा की 1320 मेगावाट की दो इकाइयां शामिल हैं। उत्पादन निगम की हरदुआगंज बिजलीघर की 105 मेगावाट की महज एक ही इकाई बंद करने के निर्देश दिये गये हैं।
मानसून में बिजली की मांग फिलहाल बीते 22 अगस्त से ही सूबे में लुढ़क गयी है। 430 मिलियन यूनिट से ऊपर बिजली की रोजाना मांग घट कर 330 मिलियन यूनिट के इर्दगिर्द ही रह गयी है। नतीजतन स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने अब महंगी बिजली पैदा करने वाली तमाम इकाइयों को मेरिट आर्डर डिस्पैच के अनुपालन में बीते 26 व 27 अगस्त को बंद करने के निर्देश दे दिये हैं।