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नहीं आ रहे श्रद्धालु, भुखमरी की कगार पर पुजारी

मिश्रिख। संवाददाता सतयुगकालीन महर्षि दधीचि की तपोभूमि पर स्थित दधीचि कुंड तीर्थ व...

नहीं आ रहे श्रद्धालु, भुखमरी की कगार पर पुजारी
हिन्दुस्तान टीम,सीतापुरTue, 25 May 2021 11:30 PM
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मिश्रिख। संवाददाता

सतयुगकालीन महर्षि दधीचि की तपोभूमि पर स्थित दधीचि कुंड तीर्थ व सीताकुंड तीर्थ स्थल पर कोविड-19 महामारी के चलते शासन द्वारा जारी प्रोटोकाल के तहत सभी मन्दिरों में तालाबंदी है। दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं का आना-जाना भी बन्द है, जिसके कारण यहां के पुजारियों व तीर्थ पुरोहितों की दान से होने वाली आजीविका समाप्त होने से सभी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।

बताते चलें कि तीर्थ नगरी में कोविड महामारी के प्रकोप से पहले रोजाना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से मां पूर्णागिरि दर्शन करने जाने वाले हजारों की तादात में आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था। इसके अलावा साउथ से सैकड़ों की संख्या में नैमिष दर्शन पूजन के लिए आने वाले यात्रियों का भी जमावड़ा रहता था। मौजूदा समय में यहां के सभी प्राचीन मंदिरों के कपाट बन्द है जिससे यहां के पंडे, पुजारी व पुरोहित दान दक्षिणा न मिलने के चलते लम्बे समय से परेशान हैं। तीर्थ राज अर्चना समिति के प्रमुख पुजारी राहुल शर्मा ने बताया कि कोविड महामारी के कारण मौजूदा समय में कोई यात्री दर्शन पूजन के लिए नहींआ रहा जिससे पुरोहितों की आमदनी समाप्त हो गई है। पुरोहित दान दक्षिणा से ही अपने परिवार का पालन करते थे। इस समय घोर संकट में है। सरकारी इमदाद भी नहीं मिल रही है। तीर्थ पुरोहित अनन्तू दीक्षित ने बताया कि लगभग महीने भर से लागू कोरोना कफ्र्यू के चलते कोई श्रद्धालु तीर्थ पर आचमन, स्नान करने नहीं आया जिससे किसी प्रकार की आमदनी नहीं हो पाई। जैसे तैसे परिवार का गुजारा हो रहा है। पुरोहित हरीशंकर शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के तहत लागू कफ्र्यू से यहां लोग दर्शन पूजन के लिए नहीं आ रहे जिससे दान दक्षिणा में मिलने वाला सीधा व धन भी नहीं मुहैया हो पा रहा। परिवार चलाना मुश्किल है। तीर्थ पुरोहित राजनरायन दीक्षित ने बताया कि एक महीने से कोरोना कफ्र्यू लगने से तीर्थ पर यजमानों का आना-जाना बंद हो गया हैं, जिससे आमदनी नहीं हो पा रही है। परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।

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