साझा संस्कृति के प्रतीक थे अब्दुल गफ्फार खां: अनूप
सिधौली। कस्बे में जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी (जसवा) के तत्वावधान में खान अब्दुल गफ्फार खान...

सिधौली। कस्बे में जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी (जसवा) के तत्वावधान में खान अब्दुल गफ्फार खान के स्मृति दिवस पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर साहित्यकार अनूप कुमार ने कहा कि अब्दुल गफ्फार खान भारत की साझा संस्कृति के प्रतीक पुरुष थे। उन्होंने न केवल भारत की स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया बल्कि देश को एकीकृत रखने और उसकी हजारों साल पुरानी संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए संघर्ष किया। संयोजक अनुराग आग्नेय ने खान अब्दुल गफ़्फार खान को स्वाधीनता संग्राम का योद्धा बताया। इंजी. जहीर खान, डा. रिज़वान अंसारी, साहित्यकार देवेन्द्र कश्यप ‘निडर ने भी अब्दुल गफ्फार खान के जीवन पर प्रकाश डाला। वहीं चन्द्रशेखर प्रजापति, प्रमोद मिश्र, नवनीत मिश्र ‘नवल, पिंकी अरविन्द प्रजापति ने काव्यपाठ किया।
