Hindi NewsUP NewsSitapur Naimisharanya Rudravart Tirth invisible Shivling returns prasadam when devotees offers fruit bhoga to Lord Shiva
नैमिषारण्य रुद्रावर्त तीर्थ में चमत्कार; अदृश्य शिवलिंग लौटा देता है चढ़ाए गए फल का प्रसाद,

नैमिषारण्य रुद्रावर्त तीर्थ में चमत्कार; अदृश्य शिवलिंग लौटा देता है चढ़ाए गए फल का प्रसाद,

संक्षेप: सीतापुर के नैमिषारण्य में रुद्रावर्त तीर्थ भगवान शिव के चमत्कारों के लिए जाना जाता है। गोमती नदी के किनारे इस मंदिर में प्रत्यक्ष शिवलिंग नहीं दिखाई देता। मान्यता है कि शिवलिंग अदृश्य रूप से गोमती की गहराई में विराजमान है।

Sun, 17 Aug 2025 08:51 PMRitesh Verma हिन्दुस्तान, राजीव गुप्ता, सीतापुर
share Share
Follow Us on

भगवान शिव का चमत्कार देखना हो तो आपको पौराणिक तीर्थ नगरी नैमिषारण्य आना होगा। यहां एक ऐसा मंदिर है, जहां शिवलिंग तो नहीं दिखता, लेकिन भगवान शिव के चमत्कार देखने को जरूर मिलते हैं। पावन चक्रतीर्थ से करीब सात किलोमीटर की दूरी पर आदि गंगा गोमती के तट पर स्थित भगवान शिव का यह मंदिर रुद्रावर्त तीर्थ के नाम से विख्यात है। रुद्रावर्त मंदिर पर होने वाले दुर्लभ चमत्कार जहां वैज्ञानिकों के लिए कौतूहल एवं आश्चर्य का विषय हैं, तो शोधार्थियों के लिए यह शोध का विषय भी।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

यह अनोखा धार्मिक और पुरातात्विक तीर्थ अपनी अनूठी धार्मिक मान्यताओं और चमत्कारों के लिए जाना जाता है। यहां भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध और फल चढ़ाते हैं, जो पानी में समा जाते हैं, और कुछ फल प्रसाद के रूप में वापस आ जाते हैं। मान्यता है कि रुद्रावर्त तीर्थ में एक शिवलिंग है जो गोमती नदी के पानी में डूबा हुआ है और भक्तों द्वारा अर्पित बेलपत्र, दूध, फूल और फल सीधे पानी में समा जाते हैं, लेकिन कुछ प्रसाद के रूप में वापस आ जाते हैं।

लोगों का मानना है कि यह शिवलिंग पातालपुरी में नदी की गहराई में स्थित है और यह चमत्कार उसी कारण से होता है। यह तीर्थ आस्था और विज्ञान का एक अनोखा संगम है, जहां भक्त अपनी श्रद्धा से पूजा करते हैं और वैज्ञानिक इसे गोमती नदी की एक विशेषता मानते हैं। दूर-दूर से लोग इस चमत्कारी स्थान के दर्शन करने आते हैं।

जनश्रुति: चमत्कार की कई कहानियां

जनश्रुति के अनुसार, रुद्रावर्त तीर्थ में भगवान शंकर अदृश्य रूप से गोमती के जल में विराजमान हैं। यहां जब भक्त बेलपत्र को 'ॐ नमः शिवाय' कहकर अर्पित करते हैं तो वह जल में चला जाता है। आमतौर पर पानी में दूध डालने से वह फैल जाता है, लेकिन जब भक्त रुद्रावर्त स्थान पर दूध चढ़ाते हैं तो जितनी पतली धार से दूध चढ़ाते हैं, उतनी ही पतली धार जल के अंदर जाती है। दूध फैलता भी नहीं है।

एक और चमत्कार यहां देखने को मिलता है। भक्त हाथ में दो फल लेकर बाबा से निवेदन करते हैं कि ...प्रभु, एक फल आप स्वीकार कर लीजिए और एक प्रसाद के रूप में दे दीजिए। जैसे ही फलों को अर्पित किया जाता है, दोनों फल जल के अंदर जाते हैं। एक फल बाबा को अर्पित होता है और दूसरा फल प्रसाद के रूप में ऊपर आ जाता है। यहां दर्शन मात्र से मनोकामना पूरी होती है। हर रोज यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन करने आते हैं।

प्रमुख हस्तियों ने भी किए हैं दर्शन

उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल बीएल जोशी और मौजूदा गवर्नर आनंदी बेन पटेल जैसी हस्तियां भी विशेष पूजा-अर्चना के लिए यहां आ चुकी हैं। रुद्रावर्त धाम में 'ॐ नमः शिवाय' के जाप के साथ की गई पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। श्रद्धालुओं की अटूट आस्था के कारण यह तीर्थ स्थल शिव भक्ति का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

Ritesh Verma

लेखक के बारे में

Ritesh Verma
रीतेश वर्मा लगभग ढाई दशक से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। बिहार में दैनिक जागरण से करियर की शुरुआत करने के बाद दिल्ली-एनसीआर में विराट वैभव, दैनिक भास्कर, आज समाज, बीबीसी हिन्दी, स्टार न्यूज, सहारा समय और इंडिया न्यूज के लिए अलग-अलग भूमिका में काम कर चुके हैं। और पढ़ें
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करे| पाएं Lucknow news , Prayagraj News , Varanasi News , Gorakhpur News , Kanpur News , Aligarh News से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में |