बूंदाबांदी ने तराई में बढ़ाई ठिठुरन, बादलों में छिपे रहे सूर्यदेव
Siddhart-nagar News - इटवा, हिन्दुस्तान संवाद। तराई के आंगन में मौसम का मिजाज बदल गया है। शनिवार सुबह से ही रुक-रुककर रिमझिम फुहारें पड़ने लगीं। दोपहर बाद तक ऐसा ही मौसम

इटवा, हिन्दुस्तान संवाद।
तराई के आंगन में मौसम का मिजाज बदल गया है। शनिवार सुबह से ही रुक-रुककर रिमझिम फुहारें पड़ने लगीं। दोपहर बाद तक ऐसा ही मौसम रहा। हल्की पछुआ हवा के बीच आसमान में घने बादल छाए रहे। सूर्यदेव के ठिठके रहने की वजह से ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो तराई के मैदानी इलाकों में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इससे अगले 24 घंटे तक बारिश के आसार बने रह सकते हैं।
तराई में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से शनिवार सुबह से ही मौसम बदल गया। इस दौरान मंद मंद चली पछुआ हवा के बीच आसमान में काले बादल छा गए। इसके बाद रिमझिम बारिश शुरू हो गई। दिन चढ़ने के साथ ही आसमान में घने बादल छा गए। बूंदाबांदी के साथ ही सूर्यदेव भी बादलों में ठिठके रहे। जिससे दिन का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अचानक ठंड बढ़ने से सर्वाधिक परेशानी बाइक चलाने वाले व मजदूरी पेशा वाले लोगों को हुई। कस्बे के चौक-चौराहों पर लोग ठिठुरते हुए खड़े रहे। आईएमडी लखनऊ के मौसम केन्द्र प्रभारी अतुल सिंह ने बताया कि तराई के मैदानी इलाकों में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इससे अगले 24 घंटे तक बारिश के आसार बने रह सकते है।
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गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है बारिश
कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि इस मौसम से जहां गेहूं की फसलों को सिंचाई की दृष्टि से फायदा होगा। वहीं दूसरी ओर दलहन व तिलहन की फसलों में पानी लगने से समस्या उत्पन्न हो सकती है। सरसों के फूल बारिश की वजह से झड़ जाएंगे। ऐसे में तिलहली फसलों के लिए बारिश नुकसान दायक है। हालांकि इतने बारिश अभी कोई खास फर्क नहीं पड़ेगी। भारी बारिश होने पर ही नुकसान होगा।
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