10 रुपये से लेकर पांच हजार तक के पटाखों की सुनाई देगी गूंज
11 एसआईडीडी 31 : जिला उद्योग केंद्र के पास खाली स्थान पर लगी पटाखों की दुकान से खरीद करते...

सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता।
रोशनी के पर्व दीपावली पर पटाखों को जलाने की परंपरा है। इस बार दिवाली पर 10 से लेकर पांच हजार तक के पटाखों की गूंज सुनाई देगी। ग्रीन पटाखों की बिक्री न के बराबर ही है। अधिकांश लोग तेज आवाज वाले ही खरीद रहे हैं। शहर में पटाखों की बिक्री के लिए 44 लाइसेंस जारी किए गए हैं।
जिला उद्योग केंद्र के बगल में खाली पड़ी जमीन पर इस बार पटाखा बाजार लगाया गया है। अब तक बीएसए ग्राउंड में लगा करता था लेकिन वहां पहले से ही बच्चों के मनोरंजन साधन उपलब्ध कराने वाले ने नुमाइश लगा रखी है। प्रशासन ने 44 पटाखा दुकानों को लाइसेंस जारी कर रखा है और सभी को सख्त हिदायत है कि निर्धारित स्थान से इतर बिक्री नहीं की जा सकती है। पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी। दिवाली पर जलाने के लिए बाजार में सबसे महंगा पटाखा पांच हजार रुपये का है। 50 से अधिक आवाज वाले पटाखे की कीमत अधिक होने के बाद भी उसके खरीदार पहुंच रहे हैं। वैसे दखा जाए तो कम खर्च करने की इच्छा रखने वालों का भी ध्यान रखा गया है। 10 रुपये में भी पटाखे मिल रहे हैं।
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बच्चों के लिए फूलझड़ी, चकरी व सांप उपलब्ध
छोटे बच्चों को पटाखों से दूर रख कर उनके शौक को ध्यान में रख कर फूलझड़ी, चकरी व सांप उपलब्ध है। फूलझड़ी 20 रुपये से लेकर दो सौ रुपये पैकट में बिक रही है। सांप वाली टेबलट की डिबिया 10 से 20 रुपये में उपलब्ध है। बाजार में उत्तर काशी से लेकर लोकल की बनी लाइट भी अलग अलग दामों में उपलब्ध है। एक लाइट 10 से 25 रुपये में मिल रही है।
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अनार व राकेट की भी खूब बिक्री
पटाखा बाजार में तरह तरह के रंग फेकने वाले अनार भी उपलब्ध हैं। अनार भी स्थानीय से लेकर उत्तर काशी वाले उपलब्ध हैं। पटाखा बाजार में साधारण से लेकर आवाज वाले राकेश उपलब्ध हैं। ऐसे भी राकेट बिक्री हो रहे हैं जिसके छोड़ने के बाद सतरंगी रोशनी होती है और बाद में उसमें आवाज होती है। उसकी कीमत सौ रुपये के आसपास है।
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दुकानदारों ने बालू, पानी का कर रखा है इंतजाम
पटाखा बेचने वालों ने गाइड लाइन के अनुसार अपनी दुकानों के बाहर बालू व पानी का इंतजाम कर रखा है। पटाखा बिक्री स्थल पर उसे फोड़ने से गैस सिलेंडर रखने की प्रशासन की ओर से इजाजत नहीं दी गई है। निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं।
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फायर ब्रिगेड भी मुस्तैद
जिस स्थान पर पटाखों की दुकानें लगी हैं उसके बीच ही फायर ब्रिगेड के वाहन खड़े हैं। फायरकर्मी अलर्ट मुद्रा में हैं। किसी भी प्रकार की अनहोनी होने पर वह उससे निपटने को पूरी तरह से तैयार हैं। फायर वाहन तब तक वहां पर मौजूद रहेगा जबकि पटाखा की दुकानों को लगाने की अनुमति दी गई है।
