जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है रामकथा
इटवा। हिन्दुस्तान संवाद खुनियांव क्षेत्र के कटेश्वरनाथ धाम मंदिर पर चल रहे...

इटवा। हिन्दुस्तान संवाद
खुनियांव क्षेत्र के कटेश्वरनाथ धाम मंदिर पर चल रहे सात दिवसीय संगीतमयी रामकथा के पहले दिन शनिवार की रात अयोध्या से आए कथावाचक स्वामी मधुसूदन आचार्य ने श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराया। कथा सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। कथावाचक ने कहा कि रामकथा तन-मन को पवित्र कर उज्ज्वल करने के साथ ही जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है।
उन्होंने कहा कि रामकथा का आनंद तभी है जब वक्ता और श्रोता दोनों सुर, लय, ताल मिलाकर कथा का रसपान करें। उन्होंने कहा कि प्रेम प्रकट हो जाए तो परमात्मा खुद प्रकट हो जाएंगे। प्रेम के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने बताया कि रामकथा का महत्व हमेशा से है और आगे भी रहेगा। यह भगवान की लीला, चरित्र व गुणों की गाथा है।
उन्होंने बताया कि भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के चरित्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को निरंतर सुनते रहने से सुनने वाले के अंदर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है। ऐसे में प्रत्येक मनुष्य को समय निकालकर रामकथा का रसापान करना चाहिए। इस मौके पर डॉ. अरुण द्विवेदी, प्रिंस मिश्र, विनय त्रिपाठी, प्रदीप यादव, राघवेंद्र, पट्टू यादव, निर्मोचन निषाद, विजय गिरि, पंकज गिरि, रजनीश तिवारी, अखिलेश त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
