चिकित्सक के कूटरचित शपथ पत्र पर छह पैथालॉजी सेंटर पंजीकृत
Siddhart-nagar News - 13 एसआईडीडी 33: सीएमओ कार्यालय। फर्जीवाड़ा चल रहा है। नैदानिक स्थापना के नोडल अधिकारी व पटल सहायक ने चिकित्सक के कूटरचित शपथ पत्र पर जनपद में अलग-अलग

सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। स्वास्थ्य विभाग के नैदानिक स्थापना (निजी अस्पताल) में पंजीकरण को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। नैदानिक स्थापना के नोडल अधिकारी व पटल सहायक ने चिकित्सक के कूटरचित शपथ पत्र पर जनपद में अलग-अलग जगहों पर छह पैथालॉजी सेंटर पंजीकृत किया है। इस फर्जीवाड़े का खेल बस्ती जनपद निवासी व्यक्ति की शिकायत पर हुई जांच में उजागर हुआ है। इसमें सात अलग-अलग बिंदुओं पर शिकायत की गई है। जांच टीम ने इस फर्जीवाड़े पर नोडल अधिकारी व पटल सहायक को दोषी बताया है।
दरअसल, बस्ती जनपद के बड़ेवन निवासी राहुल सिंह ने 24 जनवरी 2025 को शिकायत व 13 फरवरी 2025 को शपथ पत्र देकर सात अलग-अलग बिंदुओं पर शिकायत की। शिकायत में उन्होंने पैथालॉजी के प्रबंधक/चिकित्सकों, नैदानिक स्थापना के नोडल अधिकारी व पटल सहायक पर कई आरोप लगाए। इस शिकायत पर सीएमओ ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार व उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.वीएन चतुर्वेदी की दो सदस्यीय टीम गठित कर प्रकरण की जांच कराई। जांच में परत दर परत फर्जीवाड़ा करने का खेल उजागर हुआ है। एमबीबीएस, एमडी पैथ डॉ. अजय कुमार द्विवेदी के नाम से जनपद में अलग-अलग जगहों पर छह पैथालॉजी पंजीकृत है। इस पंजीकरण का चिकित्सक को कोई जानकारी ही नहीं है, बल्कि कूटरचित दस्तावेज के जरिए नैदानिक स्थापना के नोडल अधिकारी डॉ. संजय कुमार गुप्त व पटल सहायक संजय कुमार वर्मा ने पैथालॉजी का पंजीकरण किया है। डॉ. अजय कुमार द्विवेदी ने जांच टीम को बताया कि उनके नाम से जिस भी सेंटर का पंजीकरण किया गया है उसका ज्ञान बिल्कुल नहीं है और न ही उनके द्वारा डिग्री व शपथ-पत्र दिया गया है। कार्यालय में उपलब्ध शपथ-पत्रों पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। जबकि नैदानिक स्थापना के नोडल अधिकारी डॉ. संजय कुमार गुप्त ने जांच टीम को दिए बयान में बताया है कि डॉ. अजय कुमार द्विवेदी के नाम से कुल छह पैथालॉजी पंजीकृत हैं। उन सभी सेंटर पर चिकित्सक ऑनकाल/पार्ट टाइम सेवा प्रदान करते हैं। ऐसे में एक चिकित्सक कितनी जगहों पर सेवा देगा यह अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जांच टीम ने अपनी आख्या में बताया है कि डॉ. द्विवेदी के नाम से पंजीकृत पैथालॉजी के प्रबंधक द्वारा शपथ-पत्र कूटरचित तरीके से तैयार कर पंजीकरण के लिए प्रस्तुत किया गया है और बिना उनकी अनुमति के डिग्री लगाई गई है, जो अत्यंत ही आपत्तिजनक एवं नियम विरुद्ध है। इन सभी पैथालॉजी का संचालन बिना पैथालॉजिस्ट के किया जा रहा है। इतना ही नहीं अकुशल कर्मियों से जांच कराई जा रही है। यह आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ एवं आर्थिक शोषण किया जा रहा है। जांच टीम ने उन पैथालॉजी को सील करते हुए संबंधित प्रबंधक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की संस्तुति की है।
डिग्री लगने की सूचना पर दिया अप्लीकेशन
डॉ.अजय कुमार द्विवेदी से जांच टीम ने पूछा कि तीन फरवरी को उन्होंने सीएमओ/नोडल अधिकारी नैदानिक स्थापना को पत्र के माध्यम से बताया कि उनके द्वारा इंडियन पैथालॉजी सेंटर इटवा में कार्य नहीं किया जा रहा है। इस पत्र से प्रतीत होता है कि दो फरवरी से पहले डॉ. द्विवेदी इंडियन पैथालॉजी में अपनी सेवा दे रहे थे। इस संबंध में चिकित्सक ने बताया कि जब उन्हें ज्ञात हुआ कि उनकी डिग्री इंडियन पैथालॉजी पर लगी है तो वह अपनी डिग्री हटाने के लिए प्रार्थना पत्र लिखे। यह प्रार्थना पत्र कट पेस्ट करके लिखा गया था, जो मेरी गलती थी। चूंकि जैसे ही मुझे पता चला कि मेरी डिग्री इंडियन पैथालॉजी पर लगी है तो बहुत जल्दबाजी में अप्लीकेशन कट-पेस्ट करके गलती कर दी और कट-पेस्ट करने में भूलवश लिख दिया गया कि मेरे द्वारा पूर्व में उस पैथालॉजी पर कार्य किया जा रहा है जो कि एक गलती थी। इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं। मैंने न तो वहां पंजीकरण कराया है और न ही नोडल के सामने उपस्थित हुआ हूं। मैं उस पैथालॉजी को न जानता हूं और न ही गया हूं।
कूटरचित दस्तावेज से संचालित छह पैथालॉजी
भारत पैथालॉजी एंड एक्स-रे सेंटर बांसी।
न्यू सेवा डायग्नोस्टिक सेंटर बिस्कोहर।
पूजा पैथालॉजी एंड एक्स-रे सेंटर इटवा।
अंजली पैथालॉजी एंड एक्स-रे सेंटर खेसरहा।
न्यू जनता पैथालॉजी कठेला।
इंडियन पैथालॉजी सेंटर इटवा।
नोडल-पटल सहायक ने कर्त्तव्यों का नहीं किया पालन
जांच टीम ने आख्या में उल्लेख किया है कि नैदानिक स्थापना के नोडल अधिकारी व पटल सहायक का सामूहिक उत्तरदायित्व है कि जिस पैथालॉजिस्ट के नाम से एक से अधिक पैथालॉजी/डायग्नोस्टिक सेंटर पंजीकृत है तो उसकी विशेष रूप से जांच की जाए। जांच में कमियां पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। नोडल अधिकारी व पटल सहायक द्वारा पूर्ण सत्यनिष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया गया है।
नैदानिक स्थापना के नोडल अधिकारी डॉ. संजय कुमार गुप्त व पटल सहायक संजय कुमार वर्मा समेत अन्य की शिकायत हुई है। शिकायत के मामले में दो सदस्यीय टीम ने प्रकरण की जांच की है। जांच आख्या आ गई है। डॉ. संजय गुप्त ने जांच पर आपत्ति लगाई है। इससे कार्रवाई में विलंब है।
डॉ. रजत कुमार चौरसिया, सीएमओ
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