नारद मोह का मंचन देख भाव विभोर हो गए श्रद्धालु
11 एसआईडीडी 01: भनवापुर क्षेत्र के सहिजवार गांव में शुक्रवार की रात कलाकारों ने नारद मोह का मंचन...

भनवापुर।हिन्दुस्तान संवाद
क्षेत्र के सहिजवार गांव में नौ दिवसीय रामलीला के पहले दिन शुक्रवार की रात कलाकारों ने नारद मोह का मनोहारी मंचन किया। मंचन देख श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
कलाकारों ने दिखाया कि नारद तपस्या करने बैठ जाते हैं। इससे इंद्र का सिंहासन हिलने लगता है। इंद्र नारद की तपस्या भंग करने के लिए अपने सेवकों और परियों को भेजते हैं लेकिन कोई भी नारद की तपस्या भंग नहीं कर पाता। तब अंत में कामदेव नारद की तपस्या भंग करने जाते हैं लेकिन वह भी तपस्या भंग नहीं कर पाते। इसी बात का नारद को घमंड हो जाता है और वह बारी-बारी से भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शंकर से कहते हैं कि हमने कामदेव को जीत लिया है। भगवान विष्णु नारद के घमंड को समझ जाते हैं और उनके घमंड को दूर करने के लिए नारद के कहने पर हरि अर्थात बंदर का रूप दे देते हैं। जैसे ही नारद उस रूप को लेकर राजा शीलनिधि की पुत्री के स्वयंवर में पहुंचते हैं वहां उनका उपहास होने लगता है और इस तरह नारद का घमंड चूर-चूर हो जाता है। इस दौरान रामपाल यादव, प्रदीप कुमार चौधरी, सुखराम, रामजीत,राजू भारती, उत्तम प्रसाद, धनई, राजकपूर, चिनकू चौधरी आदि मौजूद रहे।
