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श्रावस्ती:परिवर्तन एजेंट के रूप में कार्य करेंगे छात्र

राजा बीरेन्द्रकांत सिंह महाविद्यालय में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को उन तक पहुंचाने के लिए महिला शक्ति केन्द्र की ओर से स्वयंसेवकों का चयन किया गया। कई स्तरों पर उन्हें प्रशिक्षित कर विभिन्न योजनाओं की...

श्रावस्ती:परिवर्तन एजेंट के रूप में कार्य करेंगे छात्र
हिन्दुस्तान टीम,श्रावस्तीFri, 31 Jul 2020 08:51 PM
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राजा बीरेन्द्रकांत सिंह महाविद्यालय में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को उन तक पहुंचाने के लिए महिला शक्ति केन्द्र की ओर से स्वयंसेवकों का चयन किया गया। कई स्तरों पर उन्हें प्रशिक्षित कर विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।

विकास खण्ड हरिहरपुररानी के राजा बीरेन्द्र कान्त सिंह महाविद्यालय भिनगा में महिला शक्ति केंद्र की ओर से बैठक आयोजित की गई। बैठक में छात्र छात्राओं को वालेन्टियर्स (स्वयंसेवक) का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया गया। महिला कल्याण अधिकारी सरिता मिश्रा ने बताया कि कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसरों के साथ ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए वन स्टाप समर्थन सेवाएं प्रदान करने के लिए महिला शक्ति केन्द्र की स्थापना की गई। अम्ब्रेला स्कीम की तरह क्रियान्वित किया जाएगा, इसके तहत ग्रामीण महिलाओं को अपने अधिकार प्राप्त करने, जागरूकता सृजन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक परिवर्तन एजेंट के रूप में कार्य करेंगे और इससे उनके समुदायों तथा राष्ट्र पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा। छात्र स्वयंसेवक ब्लॉक स्तरीय हस्तक्षेप के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकारी योजनाओं/कार्यक्रमों, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के बारे में जागरूकता सृजन का काम करेंगे।

जिला समन्वयक कुसुम श्रीवास्तव ने बताया कि महिला शक्ति केन्द्र योजना के लिए परिकल्पना की गई है कि यह विभिन्न स्तरों पर काम करें। जहां भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना और महिला सशक्तिकरण योजनाओं को अपना अस्तित्व बनाने के लिए आधार भी प्रदान करेंगे। छात्र स्वयंसेवक विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं/ कार्यक्रमों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर महिलाओं में जागरूकता पैदा करने में सहायक भूमिका निभाएंगे।

ममता एचआईएमसी, यूनिसेफ की रिजवाना परवीन ने छात्र/छात्राओं को बाल विवाह एवं नारी सशक्तिकरण के मुद्दों पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कम उम्र में लड़कियों की शादी उनकी सेहत के साथ व होने वाले बच्चे की सेहत पर भी प्रतिकूल असर डालता है। 18 साल से कम उम्र में शादी होने से गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान कई स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ने का खतरा होता है। इससे मां के साथ नवजात के जान जाने का भी खतरा होता है। बाल विवाह के कारण लड़कियां कम उम्र में गर्भवती हो जाती हैं, जबकि उनका पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है। इससे मातृ एवं शिशु मृत्युदर बढ़ने की भी प्रबल सम्भावना रहती है। इसलिए बाल विवाह को रोकने में अपना सहयोग करें और वे स्वयं तथा पास-पड़ोस, गली-मोहल्लों एवं गांवों में यदि कोई बाल विवाह करता है तो उसकी सूचना अवश्य दें। बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्तियों को जिला प्रशासन की तरफ से 2000 रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा और उनका नाम भी गोपनीय रखा जायेगा। इस मौके पर विद्यालय के प्राचार्य डा. एपी सिंह, शिक्षक वीपी सिंह, पवन त्रिपाठी, संजय मिश्रा, सीमा खातून, ज्योति गुप्ता, प्रकाशिनी त्रिपाठी, आरती, अनामिका, नुसरत जहां, गायत्री, प्रीती पाण्डेय आदि मौजूद रहीं।

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