हरियाली पर हो रहा वार, सरकारी तंत्र लाचार
सचित्र 04 एसआरए पीआईसी15 - मंगलवार को जानकीनगर में आम का पेड़ काटते मजदूर
सचित्र
04 एसआरए पीआईसी15 - मंगलवार को जानकीनगर में आम का पेड़ काटते मजदूर
लक्ष्मनपुर। संवाददाता
लकड़ी माफिया बेखौफ होकर हरे पेड़ो पर आरा चला रहे हैं। इससे धीरे धीरे कर जिले की हरियाली गायब होती जा रही है। लकड़ी ठेकेदारों की ओर से बिना परमिट प्रतिबंधित पेड़ो को काटकर लकड़ी ईंटभट्ठों पर खपाई जा रही है।
पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए सरकार की ओर से लाखों खर्च कर पौधरोपण कराया जाता है। जिससे कि पेड़ों की संख्या बढ़े और हमारा पर्यावरण सुरक्षित हो सके। जिले में इस वर्ष करीब 54 लाख पौधे रोपे गए। इसी तरह हर वर्ष वनमहोत्सव का आयोजन कर पौधे रोपे जाते हैं। एक ओर तो सरकार पौधरोपण करा रही है वहीं दूसरी ओर लकड़ी ठेकेदार हरियाली के दुश्मन बने हुए है। ठेकेदार लोगों से पेड़ खरीद कर बिना परमिट उसे कटवा लेते हैं और लकड़ी ईंटभट्ठों पर पहुंचा देते हैं। भिनगा वनक्षेत्र के तहत जानकी नगर कला में मंगलवार को दो हरे आम के पेड़ काटे गए। इसके बाद लकड़ी क्षेत्र के ही एक ईंटभट्ठे पर पहुंचा दिया। यह कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे काम हर रोज हो रहे हैं। कई बार ठेकेदार परमिट लेते भी हैं लेकिन परमिट कुछ ही पेड़ के होते हैं जिसकी आड़ में वे कई पेड़ काटकर उठा ले जाते हैं। वैसे भी हरे आम के पेड़ों की परमिट नहीं होती। केवल उन्हीं आम के पेड़ों की परमिट होती है जो या तो सूख गए हों या फिर गिर गए हों। लेकिन जानकी कला में जो दो हरे आम के पेड़ काटे गए वे न तो सूखे थे और न ही जमीन में गिरे थे। लकड़ी ठेकेदारों के हौसले इस कदर बुलंद है कि उन्हें अवैध कटान के लिए रात का सहारा नहीं लेना पड़ता। बस सांठ गांठ करने की जरूरत होती है और दिन दहाड़े हरे पेड़ों को कटवाकर लकड़ी ईंटभट्ठों पर पहुंचा दिया जाता है।