मेनका गांधी को झटका, सुलतानपुर सांसद के खिलाफ दायर अर्जी हाईकोर्ट में खारिज
- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुलतानपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रहीं और पूर्व सांसद मेनका गांधी की सुलतानपुर से निर्वाचित सपा सांसद राम भुआल निषाद के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुलतानपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रहीं और पूर्व सांसद मेनका गांधी की सुलतानपुर से निर्वाचित सपा सांसद राम भुआल निषाद के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने पाया कि याचिका सात दिनों के विलम्ब से दाखिल की गई है। निर्वाचन याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को विलम्ब को माफ करने की शक्ति नहीं है।
न्यायमूर्ति राजन रॉय की एकल पीठ ने यह निर्णय पारित किया है। याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने पांच अगस्त को निर्णय सुरक्षित कर लिया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि निर्वाचन याचिका 45 दिनों में दाखिल नहीं की गई है। हालांकि मेनका के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि याची का स्वास्थ्य ठीक न होने से यह देरी हुई है। कोर्ट ने निर्णय में कहा कि जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 86 विलम्ब से दाखिल होने वाली याचिका को खारिज करने का प्रावधान करती है। अदालत ने पाया कि परिसीमा अधिनियम के तहत विलम्ब माफी के प्रावधान उक्त कानून पर लागू नहीं होते।
उल्लेखनीय है कि याचिका में मेनका गांधी ने मुख्य रूप से यह आधार लिया था कि राम भुआल निषाद ने नामांकन के समय दाखिल शपथ पत्र में आपराधिक इतिहास संबंधित जानकारियां छिपाई थीं। दलील दी थी कि राम भुआल पर 12 आपराधिक मुकदमे हैं, जबकि उन्होंने शपथ पत्र में आठ मुकदमों की ही जानकारी दी है। याचिका में कहा गया था कि गोरखपुर जनपद के पिपराइच थाने के एक, बड़हलगंज थाने के दो, देवरिया के मदनपुर थाने के एक आपराधिक मुकदमों की जानकारी राम भुआल ने छिपाई है। याचिका में राम भुआल निषाद का निर्वाचन निरस्त कर याची मेनका गांधी को निर्वाचित घोषित किए जाने की मांग की गई थी।
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