थाना क्षेत्र के गांव भनेड़ा में बिना पुलिस को सूचना दिए चकबंदी विभाग के द्वारा एक बैठक का आयोजन किया जाना था। ग्रामीणों के दो गुटों में चकबंदी कराने को लेकर तनाव बना हुआ था। सूचना पर पुलिस ने गांव में पहुंचकर उच्चाधिकारियों से बात कर बैठक को स्थगित कराया।
थाना क्षेत्र के गांव भनेड़ा में चकबंदी कराने को लेकर काफी दिनों से विवाद चला आ रहा है। गांव के किसान लख्मीचंदए महेंद्रए सुखबीरए मांगेरामए रिटायर्ड कैप्टन सतपाल सहित सैंकड़ों किसानों का कहना है कि गांव में वर्ष 1960 में चकबंदी की प्रक्रिया की गई थी। चकबंदी अधिकारी कार्य को बीच में छोड़कर चले गए थे।
जिसके चलते गांव के सैंकड़ों किसानों की 1600 बीघा कृषि भूमि बंजर पड़ी हुई है। किसान लख्मी चंद ने बताया कि उनकी 105 बीघा कृषि भूमि हैए जो 42 स्थानों पर है। कृषि भूमि के 42 स्थानों पर होने के कारण उन्हें अपनी फसल बोने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह से गांव के सैंकड़ों किसानों की कृषि भी बिखरी हुई है। जबकि गांव का हीं उदयवीर सिंह पक्ष गांव में चकबंदी का विरोध कर रहा है।
किसानों की शिकायत पर सोमवार को चकबंदी अधिकारी के साथ हीं हल्का लेखपाल ने गांव में किसानों की राय जानने के लिए बैठक का आयोजन किया जाना था। अधिकारियों के बैठक में पहुंचने से पहले हीं ग्रामीणों के दोनों गुटों में तनाव की स्थित बन गई। सूचना पर पुलिस भी गांव में पहुंच गईए और स्थिति से अधिकारियों को अवगत कराया।
अधिकारियों के आदेश के बाद बैठक को स्थगित कर दिया गया है। थाना प्रभारी निरीक्षक रोजन्त त्यागी ने बताया कि बिना पुलिस को सूचना दिए हीं गांव में बैठक का आयोजन हो रहा था। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बैठक का स्थगित कराया गया है।