जिले के औद्योगिक विकास को लगे उम्मीदें के पंख
शामली जिले में तीन नेशनल हाइवे और दो एक्सप्रेस हाइवे जुड़ने के बाद औद्योगिक विकास तेजी से बढ़ा है। लखनऊ में आयोजित औद्योगिक समिट के बाद, 19 इकाइयों ने उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। जिले का टर्नओवर चार...
जिले ने इंफ्रास्ट्रेक्टचर के साथ ही आद्योगिक विकास में भी तेजी से रफ्तार पकड़ी है। जनपद में औद्योगिक इंकाइयों के पंजीकरण 7831 पहुंच गयी है। कोराना काल के बाद औद्योगिक विकास में तेजी आयी है। जब से शामली में तीन नेशनल हाइवे जुड़ गया है और दो एक्सप्रेस हाइवे का निर्माण तेजी से चल रहा है। तब से उद्योगों के विकास को भी उम्मीदे के पंख लग गए है। यही कारण है कि लखनऊ में आयोजित ओगिक समिट के बाद ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 19 इकाइयों में उत्पादन प्रारंभ हो गया है। इनमें से कुछ नयी इकाइयां है तो कुछ पुरानी फैक्ट्रियों को विस्तार दिया गया है। जिले में आद्योगिक इकाइयों का टर्न ओवर लगभग चार हजार करोड़ रुपये पहुंच गया है।
30 अगस्त को राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस मनाया जाता है। शामली जिले से तीन नेशनल हाइवे एवं दो एक्सप्रेस हाइवे जुड़ने के बाद औद्योगिक इकाइयों के विकास एवं विस्तार की संभावना भी बढ़ी है।यहीं कारण रहा कि लखनऊ में गत वर्ष हुई औद्योगिक समिट में जिले से 2141.91 करोड़ रुपये के निवेश के लिए 70 एमओयू प्रस्तावित किए गए। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 70 में से 19 एमओयू को धरातलीय रूप देने के लिए भूमि पूजन आदि भी हो चुका है। इनमें निकिता पेपर मिल द्वारा विस्तार के लिएए साइन किया गया 100 करोड़ खर्च किए गए है। विस्तारित किए गए प्लांट के उत्पादन भी प्रारंभ हो गया है। इसके अलावा 125 करोड़ रुपये का बड़ा प्रोजेक्ट सुपीरियर बायो फुल्स है। मारुति पेपर मिल का 50 करोड़ रुपये का निवेश समेत समेत 19 निवेशकों में दस करोड़ से अधिक का निवेश के प्रस्ताव फलीभूत हो गए है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में लगभग 1400 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्तावों को धरातलीय रूप दिया जा चुका है। जिले में औद्योगिक इकाइयों का टर्न ओवर करीब चार हजार करोड़ टर्न ओवर पहुंच गया है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष जेन का कहना है कि नई इंडस्ट्री के विकास की संभावना बहुत है लेकिन औद्योगिक क्षेत्र का विकसित होना बहुत जरूरी है। जिले में नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की आवश्यकता है क्योंके जो द्वोत्र था वह पूरी तरह से भर गया है।
गत चार वर्षो में पंजीकृत इकाइयों की संख्या
वर्ष इकाइयों का पंजीकरण
2020-21 1846
2021-22 2550
2022-23 5450
2023-24 7985
रिमधुरी के अलावा अन्य प्रमुख उद्योग
शामली जिले का मुख्य रिमधुरी उद्योग है। इसकी करीब 35 इकाइयां है। जिले में तीन शुगर मिल एवं दो पेपर इंडस्ट्री भी है। इसके अलावा माचिस बनाने की फैक्ट्री भी है।
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बोले उद्यमी
लघु एवं मध्यम उद्योग के विकास की शामली में आपार संभावना है, लेकिन जब से शामली जिला बना है तब से इंस्ट्रीज क्षेत्र में विस्तार नहीं हुआ है। नई इंडस्ट्री लगाई जाए उसके लिए जमीन ही नहीं है। इसके लिए क्षेत्र का विकास बहुत जरूरी है।
आशीष जैन, चेयरमैन आईआईए
जिला तीन नेशनल हाइवे और दो एक्सप्रेस हाइवे से जुड़ गया है। इससे माल की आवाजाही भी आसान हुई है। जिले के उद्यमी मेहतनी है यह शामली जिले का रिकार्ड है कि गत वर्ष जिले में एक भी इंडस्ट्री एनपीए नहीं हुई।
अंकित गोयल , साइमा
बड़ी इकाइयों के मुकाबले सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बनाए रखने के लिए सब्सिडी एवं टैक्स आदि में छूट दी जानी चाहिए। दूसरे उद्योग लगाने से पहले उसकी संबंधित ट्रेनिंग एवं आंकड़े भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।
अनुज गर्ग, उद्यमी
बजट में भी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ऋण योजना आसान की गई है लेकिन सरकार को सस्ती दरों पर जमीन उपलब्ध करानी चाहिए। इसके लिए इंडस्ट्री एरिया बढ़ाने की पहल करनी चाहिए।
प्रवीण गर्ग, उद्यमी
कोट:::
भूमि उपलब्ध कराने के लिए एक प्राइवेट इंडस्ट्रीज पार्क बनाया जा रहा है। इसमें निजी डवलपर्स से संपर्क भी किया जा रहा है। इसमें निवेशकों को भूमि मिलने में आसानी होगी।
जैसमीन, उपायुक्त उद्योग शामली एवं मुजफ्फरनगर
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