करनाल और लुधियाना से शामली पहुंचे कई दर्जन मजदूर
फोटो-5 शामली/कांधला। वरिष्ठ संवाददाता वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉक डाउन में फंसे मजदूरों के लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। गुरूवार को पंजाब के लुधियाना में फंसे करीब आधा दर्जन...
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर लगाए गए लॉक डाउन में फंसे मजदूरों के लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। गुरुवार को पंजाब के लुधियाना में फंसे करीब आधा दर्जन मजदूर जहां सैकड़ों मील पैदल यात्रा कर शामली पहुंचे। वहीं दूसरी ओर करनाल से पैदल चलकर बिहार के 29 मजदूर देर रात कांधला पहुंच गए। बारिश और आंधी में फंसने के बाद उन्होनें कस्बेवासियों से मदद की गुहार लगाई जिसके बाद लोगों ने उनके ठिकाने और खाने की व्यवस्था की। मजदूरों के लगातार पलायान करने से पनपे खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री को राज्य सरकारों से आग्रह करते हुए पलायान पर रोक लगाए जाने की अपील की थी।
गत कुछ दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी मजदूरों की परेशानियों का समझते हुए उनको दूसरे राज्यों से गृह जनपद पहुचाये जाने के निर्देश दिये थे। जिसके बाद मजदूरों को रोडवेज बसों के माध्यम से उनके गृह जनपदों को लौटाया गया, लेकिन ऐसे में सैकड़ों मजदूर अभी भी पैदल ही सैंकडों किमी का पैदल सफर तय करके अपने गृह जनपदों की और बढ़ रहे हैं। गुरुवार को पंजाब के लुधियाना में दिहाडी मजदूरी करने वाले मुकेश, गुडडू, सिंताराम, सुरेश, पूजा, बेगराज सैकडों किलोमीटर पैदल चलकर शामली पहुंचे, जिनको शहर के सुभाष चौक पर रोक लिया गया। पुलिस ने मजदूरों से पूछताछ करते हुए उनका डाक्टरी परीक्षण कराते हुए जाने दिया गया। वही देर रात्रि में एक भिखारी लोनी से पैदल चलकर शामली पहुंचा। जो देर रात्रि सड़क किनारे बैठा भूख से बिलबिला रहा था। उसने बताया कि वह भीख मांगकर जीवन यापन करता है। मूल्य रूप से सहारनपुर का निवासी है जो पुलिस की लाठिया खाता हुआ शामली तक पहुंचा है। अब वह सहारनपुर जायेगा। उधर, बीती रात करनाल से कांधला कस्बे में बिहार के गया जनपद निवासी 29 मजदूर पैदल ही सामान के साथ पहुंच गए। बारिश और आंधी में फंसने के बाद उन्हें लोगों ने कस्बे में ही पनाह देकर खाना-पानी दिया।