नदी के उदगम से लेकर राजस्व रिकॉर्ड, जलग्रहण-बाढ प्रभावित क्षैत्र का ब्यौरा एनजीटी में तलब
Shamli News - खोखरी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए एनजीटी में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण ने नदी में अतिक्रमण पाया। रिपोर्ट में नदी के विभिन्न आयामों की जानकारी नहीं दी गई। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन...

खोखरी नदी को पुनर्जीवित करने के लिये एनजीटी मे दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये न्यायाधिकरण (एनजीटी कोर्ट) ने शासन-प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर नदी में अतिक्रमण पाया। न्यायाधिकरण ने कहा कि रिपोर्ट में नदी के उदगम,नदी की वास्तविक चौडाई,गहराई,राजस्व रिकार्ड के अनुसार नदी के अन्य आयामों एवं जलग्रहण व बाढ के प्रभावित क्षैत्र के सम्बंध में जानकारी नही दी गई। वही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने अपना पक्ष रखने के लिये न्यायाधिकरण से एक सप्ताह का समय मांगा है। चौसाना से निकलने वाली खोखरी नदी पर वर्षो से अतिक्रमण हुआ है।जिसको पुनर्जीवित करने के लिये अमित कुमार ने न्यायाधिकरण (एनजीटी कोर्ट) में याचिका दायर की है।जिसमे विगत मार्च माह से कार्यवाही जारी है। न्यायाधिकरण उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड,जल संशाधन,नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग सहित जिलाधिकारी शामली व सहारनपुर को मामले मे तलब करते हुये विस्तृत रिपोर्ट के साथ नदी को पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना व कार्ययोजना के निष्पाटन के आदेश दिये थे। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सहित केन्द्र सरकार के आठ विभागों को पक्षकार बनाया है।
न्यायाधिकरण ने मामले मे सुनवाई करते हुये नदी की वास्तविक चौडाई सहित जलग्रहण क्षैत्र व बाढ क्षैत्र की जानकारी मांगी है। साथ ही शामली व सहारनपुर के जिलाधिकारियो को नियत तारीख से एक सप्ताह पूर्व स्वयं प्रस्तुत होकर रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिये है। न्यायाधिकरण ने सभी विभागो को अपना अपना पक्ष रखने व उपस्थित होने के लिये 13 जनवरी का समय दिया है।
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