6 डिग्री तापमान में खुले आसमान में सोने को मजबूर लोग
Shamli News - शामली में शीत लहर और ठंड के प्रकोप के चलते असहाय लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। नगर पालिका का रैन बसेरा होने के बावजूद लोगों को इसकी जानकारी नहीं है, जिसके कारण वे रेलवे स्टेशन और...

शीत लहर और बढते ठंड के प्रकोप के बीच असहाय लोग खुले आसमान में नीचे रात बिताने को मजबूर है। नगर पालिका में रैन बसेरा तो बना है, लेकिन रैन बसेरे का प्रचार प्रसार न होने से लोगों को रैन बसेरे की जानकारी नही है और लोग रात्रि में रेलवे स्टेशन और सडक किनारे सोने को मजबूर है। पिछले चार दिनों से सूर्यदेव के दर्शन नही हो पाये है। शीत लहर और ठंड का प्रकोप लगातार बढता जा रहा है। हालात यह है कि सर्द हवाओं से लोगों के शरीर में कंपकंपी बंधी हुई है। गर्म कपडों और आलाव के सहारे भी लोगों को ठंड से निजात मिलती नजर नही आ रही है। ऐसे में शामली शहर में रैन बसेरों की व्यावस्था मात्र नगर पालिका में होने से लोग रात्रि में खुले आसमान में नीचे सोने को मजबूर है। रविवार देर रात्रि शहर के रेलवे स्टेशन, मिल रोड, रेलवे रोड और रोडवेज बस स्टेंड पर असहाय लोग खुले आसमान के नीचे सो रहे थे। कोई रेलवे स्टेशन के पुल के नीचे सो रहा था तो कोई दुकानों के बाहर बिस्तर बिछाकर सो रहा था। रात्रि में 6 डिग्री सैल्सियस तापमान में कडाके की ठंड में सडक पर सो रहे लोगों की जिदंगी को भी खतरा बना हुआ है। रात्रि में सडक पर सो रहे एक व्यक्ति ने बताया कि उसको नगर पालिका में रैन बसेरा होने की कोई जानकारी नही है। वह कभी रेलवे स्टेशन तो कभी रेलवे माल गोदाम के पास रात्रि में सो जाता है। वही नगर पालिका शामली में रैन बसेरे का निरीक्षण किया गया तो वहां 10 बैड की व्यावस्था मिली। जहां मात्र तीन लोग की रात्रि में पहुंचकर सो रहे थे। कर्मचारी नगर पालिका गेट पर आलाव जलाकर बैठे थे। जिन्होेने बताया कि रात्रि 12 बजे के बाद भी कई लोग रैन बसेरे में पहुंचते है, जिनको गेट खोलकर ठहराया जाता है।
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