बिना कृष्ण के जीवन में आनंद संभव नहीं-मृदुलकांत शास्त्री
Shamli News - श्रीराम सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिन आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि नंद बाबा के घर आनंद का प्रकट होता है और सभी को...

श्रीराम सेवा समिति शामली द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिन वृंदावन धाम से पधारे आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने नंद बाबा के महल में आयोजित उत्सव और भगवान की बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया। जिसे सुनकर समस्त भक्त जन आनंद से भाव विभोर होकर मंत्र मुग्ध हो गए। रविवार को शहर के माजरा रोड स्थित एक बारातघर में आचार्य ने कहा की नंद बाबा के घर में साक्षात आनंद का ही प्रकट हुआ है जिसका मन नंद बाबा जैसा बड़ा होगा उसी के घर में आनंद हो सकता है। इसलिए धर्म सेवा राष्ट्र सेवा और समाज सेवा के लिए अपना मन हमेशा बड़ा रखें।
जितना हो सके सभी का भला करने का प्रयास करें और गौ माता की निरंतर सेवा करें तो भगवान श्री कृष्ण की कृपा और घर में प्रतिदिन आनंद ही आनंद होगा। बताया कि कंस ने पूतना आदि अनगिनत राक्षस भेजे, लेकिन भगवान ने हंसते-हंसते सभी का उद्धार किया। सीखने की बात की है कि जीवन में विपत्तियां कितनी भी आए लेकिन आप अपनी हंसी और मुस्कुराहट मत छोड़िए। मुस्कुराते हुए समस्याएं अपने आप कोसों दूर हो जाती है। गोपी अपने अपने घरों में प्रतिदिन ताजा माखन निकलते हुए प्रार्थना करती थी। कृष्ण हमारे घर में भी माखन का भोग लगाएं और संस्कृत में चिकनाई को स्नेह कहते हैं इसलिए भगवान ने गोपियों के स्नेह का ही भोग लगाया। आचार्य श्री विस्तार से कालिया नाग मर्दन लीला, वेणु गीत, चीर हरण का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि दुनिया का हर देव पूजनीय है लेकिन श्री गिरिराज ऐसे देव हैं जिन्हें स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने पूजा ह। श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है कि श्री गिरिराज की पूजा परिक्रमा दर्शन वस्तुतः मेरा ही दर्शन पूजन है।
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