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पर्युषण पर्व के 9वे दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म मनाया

दशलक्षण पर्युषण पर्व के 9वे दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म मनाया गया। त्याग के पश्चात आकिंचन्य धर्म की अनुपालना का विधान है। सोमवार को शहर के जैन मौहल्ला स्थित श्री पाश्र्वनाथ दिगंम्बर जैन मंदिर, रेलवे रोड...

पर्युषण पर्व के 9वे दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म मनाया
हिन्दुस्तान टीम,शामलीMon, 31 Aug 2020 06:13 PM
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दशलक्षण पर्युषण पर्व के 9वे दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म मनाया गया। त्याग के पश्चात आकिंचन्य धर्म की अनुपालना का विधान है।सोमवार को शहर के जैन मौहल्ला स्थित श्री पाश्र्वनाथ दिगंम्बर जैन मंदिर, रेलवे रोड स्थित श्री महावीर जिनालय, हलवाई अटटा स्थित श्री आदिनाथ जिनालय के अलावा गांव भैसवाल स्थित श्री पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर व आतिशय क्षेत्र जलालाबाद में भी दशलक्षण पर्युषण पर्व के 9वे दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म मनाया गया। इस दौरान सकल जैन समाज ने पूजा अर्चना की। मंदिरों में जैन अनुयाईयों ने उत्तम आकिंचन्य धर्म का व्याख्यान करते हुए बताया कि त्याग के पश्चात आकिंचन्य धर्म की अनुपालना का विधान है। प्रश्न उठ सकता है कि जब सब कुछ त्याग किया फिर तत्व रूप आत्मा में रमन करने में क्या बाधा है। आगम में प्रश्न का समाधान भी किया गया है कि जो आपने त्याग किया है वह स्वत: आपका था ही नही। वस्तु के त्याग करने में अथवा वस्तु को ग्रहण करने में आपका अपना क्या योगदान रहा। जिस भावना से ग्रहण व त्याग किया जाता है उसी भावना को मन से निकालने का पुरूषार्थ ही आकिंचन्य धर्म है। मौके पर राजीव जैन एग्रो, पंकज जैन, आशीष जैन, सचिन जैन भगतजी, तरुण जैन, संजीव जैन, सत्येंद्र जैन आदि मौजूद रहे।

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