Drug inspector suspended on bribery charges: यूपी के शामली में दवा व्यापारियों को धमकाकर रिश्वत मांगने के आरोप में औषधि निरीक्षक (ड्रग इंस्पेक्टर) निधि पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया है। पिछले कई दिनों से दवा व्यापारियों और ड्रग इंस्पेक्टर के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था। तीन दिन पहले ही उनकी दवा व्यापारियों को धमकाने एवं पैसे मांगने का वीडियो वायरल हुआ था। डीएम अरविंद कुमार चौहान ने इसका संज्ञान लेते हुए मामले की जांच कराई तो प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने भ्रष्टाचार की जीरो टोलरेंस नीति के तहत ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडेय को सस्पेंड कर दिया है। उन पर लगे आरोपों की जांच सहायक आयुक्त औषधि मुरादाबाद को सौंपी गई है। निलंबन की अवधि में निधि पांडेय को औषधि निरीक्षक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया है।
शामली के डीएम ने ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडेय की जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनुभाग के प्रमुख सचिव को भेजी थी। प्रमुख सचिव पी गुरु प्रसाद ने इसी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए औषधि निरीक्षक निधि पांडेय को दोषी मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निधि को निलंबन की अवधि के दौरान आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश लखनऊ कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है। उन पर लगे गए सभी आरोपों की जांच अब सहायक आयुक्त औषधि मुरादाबाद मंडल मुरादाबाद को सौंपी गयी है। इस कार्रवाई के चलते इस विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग भी सकते में आ गए है।
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ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडेय काफी समय से विवादों में घिरी रहीं। मेडिकल स्टोर संचालकों से पैसे मांगने के आरोप तो उन पर लगते रहे। वहीं, शामली और थानाभवन के विधायकों ने भी शासन को पत्र लिखकर स्थानांतरण की मांग की थी। ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडेय की महीनों से मेडिकल स्टोर संचालकों से अनबन थी। स्टोर संचालकों ने रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। कई दिन पूर्व शामली विधायक प्रसन्न चौधरी और थानाभवन विधायक अशरफ अली ने भी आयुष मंत्री को शिकायती पत्र देते हुए निधि पांडेय पर बड़े पैमाने पर मेडिकल स्टोर संचालकों से अवैध वसूली करने, मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा घूस देने से इंकार करने पर खिलाफ गलत रिपोर्ट लगाकर लाइसेंस निरस्त करने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था। दोनों ही विधायकों ने आयुष मंत्री से औषधि निरीक्षक का शामली जिले से स्थानांतरण की मांग की थी। तीन दिन पहले वायरल हुई वीडियो ही आखिरकार निधि पांडेय के जी का जंजाल बन गयी। डीएम अरविंद कुमार चौहान ने संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट शासन को भेज दी। शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया।
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बता दें कि कुछ दिन पहले निधि पांडेय ने शामली कैमिस्ट एसोसिशन के पदाधिकारियों पर मेडिकल स्टोर लाइसेंस बनाने का दबाव डालने के लिए धमकाने के आरोप लगाए थे। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देवराज पंवार ने आरोपों को बेबुनियाद बताया था।