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बेटे की सलामती के लिए सकट की विधि-विधान से पूजा की

संकट की पूजा विधि-विधान से की गई। माताओं ने विघ्न विनाशक भगवान गणेश की पूज कर अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत...

संकट की पूजा विधि-विधान से की गई। माताओं ने विघ्न विनाशक भगवान गणेश की पूज कर अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत...
1/ 2संकट की पूजा विधि-विधान से की गई। माताओं ने विघ्न विनाशक भगवान गणेश की पूज कर अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत...
संकट की पूजा विधि-विधान से की गई। माताओं ने विघ्न विनाशक भगवान गणेश की पूज कर अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत...
2/ 2संकट की पूजा विधि-विधान से की गई। माताओं ने विघ्न विनाशक भगवान गणेश की पूज कर अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत...
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरMon, 01 Feb 2021 03:14 AM
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संकट की पूजा विधि-विधान से की गई। माताओं ने विघ्न विनाशक भगवान गणेश की पूज कर अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत रखा, साथ ही परिवार समेत सभी की रक्षा की प्रार्थना की।

रविवार को माताओं नें गणेश जी की पूजा कर भगवान को भोग लगाकर कथा सुनाई। शाम को चंद्रमा को अघ्र्य देकर ही गणेश जी का व्रत संपन्न हुआ। इस दिन कई जगह तिलकूट का मेड़ा बनाकर उसको भी काटे जाने की परंपरा भी निभाई गई। श्री रुद्र बाला जी धाम के पुजारी पंडित कान्हा कृष्ण शुक्ला ने बताया कि सकट चौथ के दिन गणेश जी के संकटमोचन का पाठ करना अच्छा माना जाता है। अधिकतर परिवारों में संकटमोचन का पाठ किया गया। सकट चौथ के दिन भगवान गणेश के साथ चंद्रदेव की पूजा भी की जाती है।

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