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बारिश के चलते बीसलपुर-शाहजहांपुर रेल ट्रैक पर काम बंद

शाहजहांपुर से पीलीभीत तक रेलवे ट्रैक पर इस साल एक्सप्रेस ट्रेन को दौड़ाना संभव होता नजर नहीं आ रहा। पीलीभीत से बीसलपुर तक रेलवे ट्रैक बनाए जाने के बाद पूरा जोर इस साइड में लगा दिया गया था। परन्तु...

शाहजहांपुर से पीलीभीत तक रेलवे ट्रैक पर इस साल एक्सप्रेस ट्रेन को दौड़ाना संभव होता नजर नहीं आ रहा। पीलीभीत से बीसलपुर तक रेलवे ट्रैक बनाए जाने के बाद पूरा जोर इस साइड में लगा दिया गया था। परन्तु...
1/ 3शाहजहांपुर से पीलीभीत तक रेलवे ट्रैक पर इस साल एक्सप्रेस ट्रेन को दौड़ाना संभव होता नजर नहीं आ रहा। पीलीभीत से बीसलपुर तक रेलवे ट्रैक बनाए जाने के बाद पूरा जोर इस साइड में लगा दिया गया था। परन्तु...
शाहजहांपुर से पीलीभीत तक रेलवे ट्रैक पर इस साल एक्सप्रेस ट्रेन को दौड़ाना संभव होता नजर नहीं आ रहा। पीलीभीत से बीसलपुर तक रेलवे ट्रैक बनाए जाने के बाद पूरा जोर इस साइड में लगा दिया गया था। परन्तु...
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शाहजहांपुर से पीलीभीत तक रेलवे ट्रैक पर इस साल एक्सप्रेस ट्रेन को दौड़ाना संभव होता नजर नहीं आ रहा। पीलीभीत से बीसलपुर तक रेलवे ट्रैक बनाए जाने के बाद पूरा जोर इस साइड में लगा दिया गया था। परन्तु...
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हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरSat, 24 Aug 2019 11:49 PM
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शाहजहांपुर से पीलीभीत तक रेलवे ट्रैक पर इस साल एक्सप्रेस ट्रेन को दौड़ाना संभव होता नजर नहीं आ रहा। पीलीभीत से बीसलपुर तक रेलवे ट्रैक बनाए जाने के बाद पूरा जोर इस साइड में लगा दिया गया था। परन्तु बारिश के चलते काम बंद हो गया। पिछले काफी दिनों से कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया। अधिकारियों की मानें तो बरसात के खत्म होने के बाद काम को शुरू कराया जाएगा।

मीटरगेज पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह गई। इस लाइन को गोरखपुर मंडल ब्राडगेज कराने के लिए काम को शुरू कराया। अधिकारियों ने पीलीभीत से बीसलपुर तक काम को पूरा कर लिया। उस पर इंजन चलाकर ट्रायल भी दे दिया। लेकिन, बीसलपुर से शाहजहांपुर तक का निर्माण कार्य 2019 में पूरा होना संभव नहीं है। हालांकि, रेलवे काम काफी तेजी से कर रहा है। फिर भी अभी काफी ज्यादा काम काम शेष है। पूर्वोत्तर रेलवे के पीआरओ राजेंद्र कुमार ने बताया कि बरसात के चलते काम को बंद कर दिया गया। बरसात में निर्माण काम रेलवे नहीं कराती है।

तीन लाइनों को बिछाने का खाका तैयार

शाहजहांपुर में पूर्वोत्तर रेलवे तीन लाइनों को बिछाएगा। एक लाइन ढ़ाका ताल तक बिछ भी गई, जबकि वॉशिंग एप्रैन वाली लाइन का ढांचा बनकर तैयार हो गया। इसी तरह तीसरी लाइन के लिए रेलवे ने खुदाई करा ली है। रेल लाइनों के लिए बड़ी संख्या में स्लीपर और पत्थर डाल दिए गए हैं। माना जा रहा है कि बरसात के खत्म होते ही काम को दोगुनी तेजी से शुरू कराया जाएगा।

पुल को बनाने का काम रोका

ढाका ताल के आगे एक पुल का निर्माण भी होना है। यहां पर पुल ढाका ताल का पानी पास कराने के लिए पहले बना था। इस बार पुराने पुल को मिट्टी से पाटकर दूसरा पुल बनाया जा रहा। सरिया लगाकर सारी तैयारी पूरी कर ली गई। सिर्फ बरसात के बंद होने का इंतजार किया जा रहा है।

पुराने भवन से नहीं चलेगा काम, नई बिल्डिंग बनाएंगे

रेलवे का पुराना भवन पर ट्रेनों का संचालन नहीं किया जाएगा। रेलवे मालगोदाम साइड पर नया भवन बनाएगी। यहीं पर नया प्लेटफार्म भी विकसित किए जाएंगे। जबकि, पुरानी बिल्डिंगों को तोड़ा नहीं जाएगा। वहां पर कर्मचारियों को बैठाने का इंतजाम होगा। अभी तक पड़ रही रेल लाइन भी इसी तरीके से डाली जा रही है।

ढाका ताल से डालेंगे लिंक लाइन

पूर्वोत्तर रेलवे की लाइन को बड़े स्टेशन से जोड़ा जाएगा। ढाका ताल के आगे से लिंक लाइन डाली जाएगी। जिसे बड़ी लाइन से जोड़ा जाएगा। जिससे कभी बरेली रूट पर अधिक लोड होने पर पीलीभीत से ट्रेनों का संचालन किया जा सके। वहीं इस लाइन पर मालगाड़ी का ठहराव भी होगा। क्योंकि, अभी तक रेल लाइन की संख्या कम होने पर मुख्य लाइन पर मालगाड़ी खड़ी कर दी जाती है। जिससे सवारी गाड़ियों को निकालने में दिक्कत होती है।

पॉवर केबिन नहीं बनेगा

छोटी लाइन की गाड़ियों को चलाने के लिए नया पॉवर केबिन नहीं बनाया जाएगा। बल्कि, अभी जिस पॉवर केबिन से बड़ी लाइन की ट्रेनों को चलाया जा रहा। उसी से जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारी पहले ही निरीक्षण कर चुके हैं।

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