औरतों पर जुल्मों ज्यादती न करें : मौलाना मंजरी
हजरत बाबा कलीमुल्लाह शाह के उर्स के तीसरे दिन कुलशरीफ की महफिल का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दराज से अकीदतमंदों ने शिरकत कर फातिहाख्वानी की। इसके अलावा महफिले रंग में कव्वालों ने सूफिया कलाम पेश कर...
हजरत बाबा कलीमुल्लाह शाह के उर्स के तीसरे दिन कुलशरीफ की महफिल का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दराज से अकीदतमंदों ने शिरकत कर फातिहाख्वानी की। इसके अलावा महफिले रंग में कव्वालों ने सूफिया कलाम पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। आखिर में मुल्क व कौम की कामयाबी के लिए दुआ मांगी गई।
रविवार सुबह नौ बजे से मोहल्ला निसरजई स्थित माल गोदाम पर बड़ी तादाद में अकीदतमंद इकटठा हुए। कुल से पहले खिताब करते हुए शहर पेश इमाम मौलाना हुजूर अहमद मंजरी ने कहा कि औलिया-ए-कामिलीन के दर से खिदमते खल्क का दर्स मिलता है। किसी टूटे हुए इंसान का सहारा बन जाना सबसे बड़ी नेकी है। उन्होंने कहा कि इबादत कीजिए, साथ ही इंसानी खिदमत का जज्बा अपने दिल में रखिए। पैगम्बर-ए-इस्लाम का फरमान है कि वह मोमिने कामिल नहीं जो पड़ोसी से हमदर्दी न करें। अपनी हैसियत के मुताबिक गरीबों, मजलूमों के काम आएं, क्योंकि यह भी एक इबादत है और अल्लाह तआला इसके बदले नेकियां अता फरमाता है। मौलाना मंजरी ने कहा कि इस्लाम ने औरतों को बुलंद और आला मकाम अता किया है। ख्वातीन शौहर के मरतबे से वाकिफ नहीं होतीं इसीलिए तलाक होती है। शौहर-बीवी एक दूसरे की जरूरत का ख्याल रखें और फिक्र करें तो घर जन्नत बन जाएगा। उन्होंने कहा कि औरतों पर जुल्मों ज्यादती न करें। इसके बाद कुलशरीफ का आगाज तिलावते कुरआन-ए-पाक से किया गया। फातिहाख्वानी के बाद कव्वालों ने अपने कलामों से धूम मचाई।
इससे पहले कारी अली अहमद, हाफिज अब्दुल मतीन, राशिद राही, अरशद हुसैन, शादाब रजा, अब्दुल कादिर, निसार, जियाउददीन फैजी, यूनुस खां, मोहम्मद यूसुफ ने बारगाहे रिसालत में नात का नजराना पेश किया।
मौलाना अनीस खां अतहर की निजामत में आयोजक हाजी जाकिर अली निजामी, हाजी यूसुफ चिश्ती, सैयद हम्माद निजामी, सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां, पूर्व सिटी मजिस्ट्रेट ताहिर हुसैन, महबूब इब्राहीम, जुनैद, उवैस, अजमल, आरिफ, इसरार, शकील, मोहम्मद जुबैर आदि मौजूद रहे।
बड़ी तादाद में ख्वातीन ने की शिरकत
-हजरत बाबा कलीमुल्लाह शाह के कुल में जहां भारी तादाद में अकीदतमंद शामिल हुए वहीं हाथों में शीरीनी लेकर बड़ी संख्या में महिलाओंं ने भी शिरकत कर अमनों-अमान की दुआएं मांगी। इसी के साथ सड़क पर मेला भी लगाया गया, जिसमें चाट-पकौड़ी का लोगों ने जमकर आनंद लिया और झूले पर सबसे ज्यादा बच्चों की भीड़ लगी रही।