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TikTok ने युवाओं को दिया था प्रतिभा निखारने का मंच, मशहूर करने के साथ कई की जान भी ले चुका है ये ऐप

टिकटॉक...वह मोबाइल एप, जिसका निर्माण करने वाला चीन है। वही चीन, जिससे अब हर भारतीय को नफरत हो गई। टिकटॉक को खाली समय में मनोरंजन करने का फूलप्रूफ साधन कहा जाता था। इस एप ने सैकड़ों नौजवानों को स्टार...

TikTok ने युवाओं को दिया था प्रतिभा निखारने का मंच, मशहूर करने के साथ कई की जान भी ले चुका है ये ऐप
हिन्दुस्तान संवाद,शाहजहांपुर। Tue, 30 Jun 2020 11:25 PM
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टिकटॉक...वह मोबाइल एप, जिसका निर्माण करने वाला चीन है। वही चीन, जिससे अब हर भारतीय को नफरत हो गई। टिकटॉक को खाली समय में मनोरंजन करने का फूलप्रूफ साधन कहा जाता था। इस एप ने सैकड़ों नौजवानों को स्टार बना दिया। उनकी प्रतिभा को निखारकर मंच देने का काम किया। किसी ने डांस तो कोई गाने के माध्यम से एप पर फेमस हो गया।

गांव से लेकर शहर तक के हर घर के मल्टीमीडिया मोबाइल में जगह बना चुके टिकटॉक को बंद कर दिया। अहम बात यह है कि इस एप ने जहां तमाम लोगों को हीरो बनाया। वहीं टिकटॉक की वजह से शाहजहांपुर में कई की जान चली गई। कई नौजवानों को टिकटॉक की तलब ने जेल की सीखचों तक पहुंचा दिया।

कोई भी व्यक्ति जब भी अपने काम से फ्री होता है तो वह सीधे टिकटॉक खोलता था। उसके वीडियो को देखकर मूड फ्रेश करने के साथ ही समय भी पास करता था। लेकिन, अब इस एप पर प्रतिबंध लगने से कलाकार परेशान हैं। गली-मोहल्ले के लड़कें और लड़कियों का सुकून छीन गया। उन्हें अफसोस है कि अब वह अपना टैलेंट कहां दिखाएंगे।

खुशी यह है कि भारत ने चीन को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाला काम किया। हालांकि, उम्मीद है कि जल्द ही कोई विकल्प जरूर आएगा। अब टिकटॉक के दूसरे पहलू पर नजर डालते हैं। इसने जहां नौजवानों को फेमस किया। वहीं इसके खतरे भी काफी सामने आए। शाहजहांपुर में कई घटनाएं हुईं, जिसमें टिकटॉक वीडियो बनाने की वजह से युवकों की जान चली गई। अवैध असलाह लगाकर क्लिप बनाने के फेर में जेल की हवा तक खाना पड़ गई।

कोरोना के प्रति किया था जागरूक

ऐसा न है कि टिक-टॉक पर मनोरंजन करने वाले वीडियो ही आते हैं। इस एप पर जागरूकता वाले भी तमाम वीडियो मिल जाएंगे। कोरोना वॉयरस के दस्तक देने के बाद मेडिकल कालेज की असिस्टेंट प्रोफेसर पूजा त्रिपाठी ने बीमारी से बचने के लिए जागरूकता वाली वीडियो बनाकर पोस्ट की थी। 

टिकटॉक के किस्से

किस्सा-1: मीरानपुर कटरा के फीलनगर के इरशाद अहमद के 26 साल के भतीजे मुर्शीद अहमद की शारदा नहर में मौत हो गई थी। वह टिकटॉक के लिए पेड़ पर चढ़कर नहर में कूदकर वीडियो बनवा रहा था। सिर में गहरी चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई थी। 

किस्सा -2 : जलालाबाद में नहर किनारे नहाने के दौरान युवक को वीडियो बनवाना शुरू कर दिया। वह टिक-टॉक के लिए क्लिप तैयार करवा रहा था। तभी गहरे पानी में चले जाने की वजह से उसकी डूबने से मौत हो गई थी।

किस्सा 3 : शाहजहांपुर के पीपलघाट पर एक बड़े विद्यालय के तीन छात्र नदी किनाने टिक-टॉक वीडियो बनाने गए थे। वीडियो बनाने के दौरान एक छात्र नदी में चला गया। साथियों ने डूबते छात्र को बचाने का प्रयास किया। परन्तु, सफलता न मिल सकी थी।

किस्सा-4 : रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर आधी रात को छात्र वीडियो बनाने दोस्त के साथ पहुंच गया। उसकी वीडियो बनाते हुए समाचार पत्रों में खबर छपी तो आरपीएफ ने संज्ञान लिया और मामले में एसपी को रिपोर्ट दी थी। जिसके बाद छात्र पर कार्रवाई की गई थी।

किस्सा-5 : शाहजहांपुर के एक डिग्री कालेज के छात्र नेता का टिक-टॉक खूब वायरल हुआ था। छात्र नेता दो अवैध असलाहों में कारतूस भरते हुए नजर आए थे। जिस पर पुलिस ने संज्ञान लिया था। उसके बाद नेता जी पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था।

किस्सा -6 : चौक कोतवाली क्षेत्र के आनंदपुरम का युवक तमंचा गोट में लगाकर टिकटॉक बनवाया था। सोशल मीडिया पर वीडियो वॉयरल होने के बाद जांच कर कार्रवाई भी की गई थी।

किस्सा 7 : रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ थाने के चंद कदम आगे त्रिवेणी एक्सप्रेस के आने के दौरान टिक-टॉक वीडियो बनाते समय चार युवकों को आरपीएफ ने हिरासत में लिया था। उनके अभिभावकों के माफी मांगने पर सभी को रिहा किया गया था।

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