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दुश्मन एक हुए, मौका तलाशा, फिर दौड़ा-दौड़ा कर मारा

ढुकरीकलां में घूसी अवस्थी और उसके भाई नोने अवस्थी को मारने के लिए दुश्मनों ने हाथ मिलाया था। दुश्मनों ने उन पर नजर रखी। साथ रहने वाले घूसी और नोने के दोनों भांजे जब बुधवार को किसी बारात में शामिल...

दुश्मन एक हुए, मौका तलाशा, फिर दौड़ा-दौड़ा कर मारा
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरFri, 28 Jun 2019 02:17 PM
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ढुकरीकलां में घूसी अवस्थी और उसके भाई नोने अवस्थी को मारने के लिए दुश्मनों ने हाथ मिलाया था। दुश्मनों ने उन पर नजर रखी। साथ रहने वाले घूसी और नोने के दोनों भांजे जब बुधवार को किसी बारात में शामिल होने के लिए बाहर गए थे, तभी दुश्मनों ने खेत पर रह रहे घूसी और नोने को बुधवार रात घेर लिया। घेर उनकी लाठी डंडों से पिटाई की।

इस दौरान जानबूझ कर दोनों भाइयों के हाथ पैर कई जगह से तोड़े गए। इस दौरान दोनों भाइयों ने बचने के दौड़ भी लगाई, पर दुश्मनों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। मर तो बताया जाता है दोनों खेत में ही गए थे, पर पुलिस इस मामले को बेहद तकनीकी तरीके से दर्ज किया। पुलिस ने पहले हत्या का का प्रयास का मुकदमा लिखा। फिर भांजे की पत्नी सोनम की ओर से बारह नामजद और पांच अज्ञात के खिलाफ हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज किया।

ढुकरीकलां गांव के घूसी अवस्थी और उसके भाई नोने अवस्थी ने जवानी में गांव के ही बलराम का मर्डर किया था। दोनों को जेल हो गई थी। जब दोनों बुजुर्ग हो गए तो अपील पर अभी करीब चार साल पहले ही जेल से वह बाहर आए। जेल से बाहर आने के बाद डर के कारण दोनों भाई अपनी किसी रिश्तेदारी में अल्हागंज में रहते रहे। फिर जब माहौल शांत देखा तो वह गांव में खेत पर ही टीनशेड आदि डाल कर रहने लगे। गांव के अंदर बने मकान में भांजे मोहन और सोहन परिवार सहित रह कर खेतीपाती का काम देखते रहे। खाना खाने के लिए घूसी और नोने गांव में अपने भांजों के घर दोनों वक्त जाते थे। गांव में ही रहने के दौरान घूसी और नोने ने ही अपने ही एक रिश्तेदार को भी अधमरा कर दिया। उसके हाथ पैर तोड़ दिए थे, वह आज तक चल फिर नहीं सकता है।

पर अंदर ही अंदर सुलग रही थी बदले की आग

घूसी अवस्थी और नोने अवस्थी को हर वक्त डर सताता था। उन्हें इस बात का आभाष था कि किसी वक्त भी उन पर हमला हो सकता है, इसीलिए घूसी और नोने ने अपने भांजों को गांव में घर पर रख लिया था। चूंकि घूसी और नोने की शादी तो हुई नहीं थी और न ही तीसरे भाई की शादी हुई थी, इसलिए लौट फिर कर पूरी जमीन और जायदाद भांजों को ही मिलनी थी। इसलिए मालिकाना हक भांजों को ही दे दिया था। भांजे भी अपने मामा घूसी और नोने की बहुत फिक्र रखते थे। उनका भी गांव में दबदबा था। अंदर ही अंदर दुश्मनों की दाल इसलिए नहीं गल पा रही थी कि क्योंकि नोने और घूसी के बचाव में उसके भांजे खड़े रहते थे।

भांजों के जाने के बाद अंजाम दिया गया हत्याकांड

बताया जाता है कि बलराम सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए उसके परिवार के लोगों ने मौका तलाश किया, उन्होंने नोने और घूसी द्वारा अधमरे किए गए व्यक्ति के परिजनों से हाथ मिलाया। मौका तलाश किया गया। बुधवार को पता लगा कि नोने और घूसी के दोनों भांजे किसी बारात में गए हैं। बस फिर क्या था, खेत पर नोने और घूसी को घेर लिया गया। इस बीच नोने और घूसी ने भागने की कोशिश की, लेकिन कभी दूसरों को सताने वाले नोने और घूसी का वक्त आ गया था। पूरी प्लानिंग के साथ दुश्मनों ने नोने और घूसी को लाठियों से पीटना शुरू किया। बूढ़ी काया के कमजोर हो चुके दोनों भाइयों ने दुश्मनों से हाथ जोड़ कर जिंदगी की भीख मांगी, तब दुश्मनों ने उन्हें पुराना वक्त याद दिलया, कहा कि तुम लोग अपने द्वारा किए गए अत्याचार भूल गए। आज तो फैसला होकर रहेगा, ऐसा दुश्मनों ने कहा।

खेत में वह भागते रहे, दुश्मन हडडी तोड़ते रहे

दहशत के पर्याय रहे नोने और घूसी बुधवार शाम को खेत में भागते जा रहे थे, दुश्मन उन पर लाठियां बरसाते जा रहे थे। इस दौरान जब दोनों भाई गिर पड़े और उठकर भागने की स्थिति में नहीं रहे, तब दुश्मनों ने लाठियों ने उनके हाथ पैर कई-कई जगह से तोड़ दिए। बताया जाता है कि घूसी और नोने ने अपने ही परिवार के एक सदस्य के जिस तरह से हाथ पैर तोड़े थे, उसी तरह से दोनों भाइयों की हडिडयां तोड़ी गईं। जब दुश्मन पूरी तरह से मुतमईन हो गए कि दोनों मर गए, तब वह फरार हो गए। इसके बाद घूसी और नोने के साथ घटना की जानकारी गांव में भांजे सोहन की पत्नी सोनम को हुई। तब पुलिस को खबर दी गई। पुलिस एंबुलेंस लेकर गांव गई। घूसी और नोने को उसमें लाद कर सीएचसी लाया गया।

पहले हत्या के प्रयास, फिर हत्या का मुकदमा लिखा

घूसी और नोने पर जानलेवा हमले की रिपोर्ट मदनापुर पुलिस ने जीडी में पहले लिखी। सीएचसी में जब दोनों को ले जाया जा गया तो रास्ते में दोनों भाइयों में एक की सांस चल रही थी, पर अस्पताल पहुंचने पर डाक्टर ने जब जांच की तो दोेनों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद भांजे सोहन की पत्नी सोनम की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर गांव के बारह नामजद और पांच अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखा गया। नामजद लोगों में बबलू अवस्थी, रामऔतार अवस्थी, लाला अवस्थी, निरंकार अवस्थी, कन्हैयालाल अवस्थी, भूरे सिंह, वीर बहादुर सिंह, मुन्ना सिंह, शिवकुमार सिंह, महिपाल सिंह, नारायण, गौरीश को नामजद किया गया है।

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