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लिंटर हादसा: पहली जांच में ही मिलीं ये बड़ी खामियां

दून इंटरनेशनल स्कूल हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गई है। जांच के दूसरे दिन मंगलवार को एडीएम वंदिता श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ हादसा स्थल पर पहुंचीं। वहां उनके साथ मौजूद आरईएस के एक्सईएन आरपी राम...

लिंटर हादसा: पहली जांच में ही मिलीं ये बड़ी खामियां
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरWed, 24 Oct 2018 12:34 AM
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दून इंटरनेशनल स्कूल हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गई है। जांच के दूसरे दिन मंगलवार को एडीएम वंदिता श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ हादसा स्थल पर पहुंचीं। वहां उनके साथ मौजूद आरईएस के एक्सईएन आरपी राम और एसडीएम रामजी मिश्रा भी मौजूद थे।

स्थलीय जांच करने के बाद यह पाया गया कि स्कूल भवन का लिंटर 23 फिट पर डाला गया था। जिन बल्लियों पर झूला टिका था, वह बल्लियां बेहद कमजोर थीं। उसके ऊपर लगाई गई प्लाई भी जर्जर हालत में थी। साथ ही बल्लियों के ज्वाइंट यानी बंधन भी बहुत टाइट नहीं थे, वह ढीले थे। टेक्नीकल जांच को पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन और एनएच के पीडी को भी आना था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। वह दोनों बुधवार को मामले की जांच करेंगे, ऐसा बताया गया है।

इस दौरान हादसा स्थल पर तीन मृतकों के परिजन बयान देने पहुंचे, जिसमें परमेश्वर दयाल के परिवार से ईश्वरदयाल, डब्लू के परिवार से पिता और विनय के परिवार से भी पिता जगदीश ने बयान दर्ज कराए। उससे पहले तीनों ने ही आपत्ति की कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर आधिकारिक नोटिस नहीं दिया गया कि वह बयान दर्ज कराने आएं। बताया कि अखबार पढ़ने के बाद पता लगा कि हादसास्थल पर एडीएम आएंगी, तभी वह पहुंचे। इस दौरान हादसे में मरे दो लोगों के परिजन नहीं पहुंचे।

इस दौरान हादसे में मरे मजदूर विनय के भाई ने कहा कि रेस्क्यू आपरेशन देर से शुरू किया गया, इस कारण उसके भाई की मौत हो गई। बताया कि रेस्क्यू अगर जल्दी शुरू किया जाता तो निश्चित तौर पर उसके भाई की जान बच सकती थी। इस पर एडीएम वंदिता श्रीवास्तव ने कहा कि जैसे ही हादसे की जानकारी हुई, तुरंत ही रेस्क्यू शुरू किया गया था।

केवल 50-50 चेक कैश हुए हैं, दो लाख के नहीं

हादसे में मरे मजदूरों के परिजनों को पहले 50-50 हजार रुपए के चेक दिए गए थे, यह चेक के रुपए तो परिजनों के खाते में आ गए हैं, लेकिन आरोपी स्कूल प्रबंधक की ओर से जो दो-दो लाख रुपए के चेक दिए गए हैं, वह मृतकों के खाते में अब तक नहीं आए हैं। इसकों लेकर मृतकों के परिजनों में आक्रोश है। एडीएम से मृतकों के परिजनों ने बाकी के मुआवजे की बात की तो उन्होंने प्रक्रिया में होने की बात कही।

विजय पंजीकृत मजदूर था, कैसे दिया जाए, हो रही मगजमारी

हादसे में मरे मजदूर विजयपाल का श्रम विभाग में पंजीकरण था। यह बात श्रम विभाग ने बताई है। उसके परिजनों को अभी केवल 50 हजार रुपए ही दिए गए थे। बाकी की रकम का चेक रोक दिया गया है, क्योंकि विजयपाल को अब श्रम विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाना है, कोई तकनीकी दिक्कत आ रही है, उसके लिए दिशा निर्देश मांगे गए हैं।

स्टे लिया जाने की चर्चा, पुलिस बोली अभी मिला नहीं

दून इंटरनेशनल स्कूल में हुए हादसे के आरोपियों को दस दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि दबिश दी जा रही है, लेकिन आरोपी मिल नहीं रहे हैं। इधर, मंगलवार को पूरे दिन चर्चा रही कि आरोपियों ने गिरफ्तारी पर रोक के लिए स्टे हासिल कर लिया है, लेकिन एसपी सिटी दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि अब तक पुलिस को कोई स्टे नहीं मिला है।

विवेचक को डेंगू, बिस्तर पर कर रहा आराम

आरसी मिशन थाने के इंस्पेक्टर प्रवेश सिंह बीमार हैं। थाने के दरोगा ने सीयूजी नंबर उठाया और बताया कि इंस्पेक्टर बीमार हैं, उन्हें डेंगू हो गया है। डाक्टर ने किसी से बात करने से मना किया है। बताया कि उन्हें डेंगू हो गया है। जब हादसे का विवेचक ही बीमार है, तो दबिश कौन दे रहा है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

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