शिव और पार्वती के विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई
सिधौली ब्लाक के मुजफ्फरपुर गांव में चल रही भागवत कथा में शिव पार्वती की झांकी का मनमोहक दृश्य दिखाया...
सिधौली ब्लाक के मुजफ्फरपुर गांव में चल रही भागवत कथा में शिव पार्वती की झांकी का मनमोहक दृश्य दिखाया गया। झांकी में पार्वती अपनी सहेलियों के साथ में शंकर के पास जाती हैं और उनके गले में फूलों की वरमाला डाल देती हैं।
विवाह से पहले पार्वती ने अपने गुरु से कई सवाल किए कि विवाह क्यों होता है तो उनके गुरु ने उनके सवालों का जवाब देते हुए कहा विवाह संस्कार है। दो जीवन का मिलन होता है। एक जीवन जीने की कला होती है। देवताओं को साक्षी मानकर परिक्रमा की जाती है। विवाह मंडप प्रेम और सहयोग का आश्रय देता है जो इस बात को भूल जाते हैं। वह अपने जीवन से भटक जाते हैं। शंकर पार्वती के विवाह से पहले नारद मुनि सूचना लेकर पहुंचे कि शंकर ने आभूषण पहनने से मना कर दिया तो गौरी ने भी हीरो से जड़ित अपने सारे आभूषण उतार दिए कहां मैं भी केवल फूलों के ही आभूषण पहनूंगी तो गौरी के पिता ने कहा कि शंकर तो ऐसे ही रहेंगे और इधर-उधर भटकेंगे, लेकिन मेरी बेटी को भी उसी तरह रखेंगे।