ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश शाहजहांपुरबजाज पावर प्लांट का स्टीम पाइप फटा, मचा हड़कंप

बजाज पावर प्लांट का स्टीम पाइप फटा, मचा हड़कंप

मकसूदापुर स्थित बजाज पावर प्लांट में मंगलवार को बड़ा हादसा होने से टल गया। कुछ समय तक स्टीम पाइप में स्टीम का रिसाव हुआ, फिर 550 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान वाले स्टीम का पाइप फट गया। टेक्निकल ब्लॉक...

बजाज पावर प्लांट का स्टीम पाइप फटा, मचा हड़कंप
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरThu, 10 Oct 2019 12:56 AM
ऐप पर पढ़ें

मकसूदापुर स्थित बजाज पावर प्लांट में मंगलवार को बड़ा हादसा होने से टल गया। कुछ समय तक स्टीम पाइप में स्टीम का रिसाव हुआ, फिर 550 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान वाले स्टीम का पाइप फट गया। टेक्निकल ब्लॉक में सारा सामान अस्त-व्यस्त हो गया। प्लांट में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही की कोई भी अधिकारी व कर्मचारी स्टीम की चपेट में नहीं आया। वहीं, एक इंजीनियर सीढ़ियों से फिसलने से घायल हो गया। उसे बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। प्लांट के प्रशासनिक अमले ने घंटों की मशक्कत के बाद नियंत्रण किया।

बजाज एनर्जी पावर प्लांट में काफी समय तक बंद रहने के बाद सात अक्टूबर की शाम छह बजे ही चालू किया गया था। जो सामान्य तौर पर कार्य कर रहा था। मंगलवार रात 10 बजे शिफ्ट खत्म होने के बाद बॉयलर से टेक्निकल ब्लॉक की ओर आने वाले मेन स्टीम लाइन के पाइप से स्टीम रिसने लगी। स्टीम कंट्रोल करने में कुछ इंजीनियर लग गए। लेकिन रात 11:02 मिनट पर धमाके के साथ स्टीम पाइप फट गया। स्टीम की प्रेशर की जद में आए लोहे की चादर, चैनल दीवार और पाइप पर लगा इंसुलेशन समेत सारा सामान ध्वस्त हो गया। पास में ही बने कंट्रोल रूम में तैनात इंजीनियर दीपक कुमार ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन सीढ़ियों से पैर स्लिप होने से घायल हो गए। यूनिट हेड समीर साबत ने बताया कि स्टीम लीक होकर पाइप फट गया, जिससे प्लांट को क्षति पहुंची। इंजीनियर्स की सतर्कता के चलते किसी भी व्यक्ति को नुकसान नहीं हुआ।

दिन होता तो चली जाती दर्जनों जान

प्लांट में इंस्ट्रूमेंट, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिशियन और ऑपरेशन डिपार्टमेंट कार्य करते हैं। अधिकारी व कर्मचारी टेक्निकल ब्लॉक में कार्यरत रहते हैं। जबकि ऑपरेशन डिपार्टमेंट कंट्रोल रूम में कार्य करता है। दोनों ब्लॉक एक दूसरे से सटे हुए हैं। प्लांट में टेक्निकल और कंट्रोल रूम में 2 शिफ्टों में ड्यूटी होती है। पहली शिफ्ट सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहती है। जबकि दूसरी शिफ्ट रात के 10 बजे तक रहती है। दिन में प्लांट में इंजीनियरों समेत कई अधिकारी और दर्जनों अन्य कर्मचारी कार्यरत रहते हैं। जबकि रात में केवल इंजीनियर्स की निगरानी रहती है। ब्लास्ट की घटना यदि दिन में होती तो जान माल की हानि हो सकती थी, लेकिन गनीमत रही कि घटना के समय शिफ्ट खत्म हो चुकी थी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें